सबसे बुरा आतंकवाद सऊदी के हाथों यमनी जनता की हत्या है वरिष्ठ नेता
आफताब फ़ारूक़ी
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने तेहरान दौरे पर आए फ़िनलैंड के राष्ट्रपति साउली नीनइस्तो से मुलाक़ात में कहा, “आतंकवाद कुछ ग़ैर आधिकारिक गुटों द्वारा किए गए कृत्य तक सीमित नहीं है बल्कि कुछ सरकारों द्वारा जनसंहार जैसा कि यमन में एक हाल में आयोजित शोक सभा पर सऊदी हमला सबसे बुरा आतंकवाद है।”
सनआ में सऊदी अरब के इस हमले में कम से कम 140 बेगुनाह नागरिक हताहत और 525 से ज़्यादा घायल हुए थे।
इसी प्रकार वरिष्ठ नेता ने आतंकवाद को मानव समाज की दर्दनाक पीड़ाओं में गिनवाते हुए इस अभिषाप के ख़िलाफ़ गंभीरता से संघर्ष पर बल दिया।
उन्होंने दुनिया भर की सरकारों और विद्वानों से आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए उपाय अपनाने का आग्रह करते हुए कहा, “आतंकवाद से निपटने के लिए उन लोगों के गंभीर इरादे की ज़रूरत है जो अंतर्राष्ट्रीय शक्तियों के बीच प्रभाव रखते हैं।”
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने इस बात का भी उल्लेख किया कि अमरीका सहित कुछ देश आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में गंभीर नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि ये सरकारें सभी मुद्दों को अपने हितों के मद्देनज़र आंकती हैं और वे इराक़ या सीरिया में आतंकवाद के अंत के बारे में नहीं सोच रही हैं।
वरिष्ठ नेता ने इसी प्रकार संयुक्त राष्ट्र महासचिव की यमन पर सऊदी अरब के युद्ध थोपने की निंदा न करने के कारण आलोचना करते हुए कहा, “संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने साफ़ तौर पर कहा कि यह संघ यमनी बच्चों की हत्या की भर्त्सना नहीं कर सकता क्योंकि संयुक्त राष्ट्र संघ सऊदी अरब के पैसों पर निर्भर है।” वरिष्ठ नेता ने बल दिया कि संयुक्त राष्ट्र संघ का यह व्यवहार उन राजनेताओं की शोचनीय नैतिक स्थिति को दर्शता है जिनके हाथों में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की कमान है।
इस अवसर पर फ़िनलैंड के राष्ट्रपति साउली नीनइस्तो ने वरिष्ठ नेता के आतंकवाद की समस्या के बारे में दृष्टिकोण से सहमति जताते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ और सरकारें आतंकवाद से निपटने में सफल नहीं रहीं। उन्होंने क्षेत्र में ईरान के प्रभावी स्थान और आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में ईरान के महत्वपूर्ण योगदान की ओर इशारा करते हुए कहा कि ईरान ने आतंकवाद के जड़ से सफ़ाए के लिए अपनी पूरी कोशिश की और उन्हें विश्वास है कि ईरान यह कोशिश जारी रखेगा।
वरिष्ठ नेता और फ़िनलैंड के राष्ट्रपति के बीच मुलाक़ात के अवसर पर राष्ट्रपति रूहानी भी मौजूद थे।