कालपी-साहेब अवैध कब्जे ने मिटा दिया पहलवानी का नामो निशान
रविकांत कालपी
(जालौन)स्थानीय कालपी नगर के प्राचीन एवं सार्वजनिक अखाडों तथा व्यायाशालाओं मे अवैध कब्जों हो गये है।लाखों की कीमती अखाडों का नामोनिशान मिट जाने से पहलवानी का शौक रखने वाले युवकों में मायूसी का माहोल रहता है। ज्ञात हो कि दशक पहले तख कालपी मे आधा दर्जन सार्वजनिक अखाडों स्थापित थे।जिसमें सुबह एवं शाम को पसलवानी का शौक रखने वाले युवक जाकर कसरत करते थे।फलस्वरूप कालपी मे तमाम पहलवान बुन्देलखंड एवं प्रदेश मे समय-समय पर नाम रोशन करते रहते थे।बडा आखाडा कागजीपुरा, जुलैटी का आखाडा, बिजली घर रोड स्थित राजेपुरा का आखाडा तो था ही।इसके अलावा किलेघाट, टाकीज के समीप आदि स्थानों के अखाडों मे पहलवानी एवं कसरत का शौक रखने वालों की आवाजाही के कारण गुलजार रहता था. समय के बदलाव के साथ ही सार्वजनिक अखाडों मे अवैध कब्जे हो गये तथा अखाडों का नामोनिशान मिट गया. अखाडों मे रखा कसरत का समान भी गायब हो गया।आज भी लोग पुराने पहलवानों राजराम चौधरी, इद्दू.पहलवान, नवाब पहलवान, अनीस पहलवान, श्रीराम पहलवान, छुट्टी पहलवान आदि की कसरत तथा अंक पसलवानी के शरीर को याद करति है।सार्वजनिक अखाडों का वजूद मिट जाने से कसरत cgके शौकीन युवकों मे मायूसी है।जनहित मे प्रशासन से मांग है कि सार्वजनिक अखाडों की भूमि को खाली कराकर पुराना स्वरूप बहाल किया जाये।