कानपुर-साहेब जल ही जीवन है तो इस तरह बर्बाद क्यूँ हो रहा है, आखिर कौन है इसका जिम्मेदार?
महताब मंसूरी
कानपुर-साहेब कहने को तो सरकार से लेकर जल विभाग और सामाजिक संस्थाएं ये सन्देश देती है कि जल ही जीवन है जल को बर्बाद न करें जिसके लिये सरकार द्वारा जागरूकता अभियान व विज्ञापन भी किया जाता है जहां तक ये भी कहा जाता है कि किसी के द्वारा अगर जल बर्बाद किया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जायेगी। लेकिन साहेब जब एक नाज़ारा हमने चंद्रिका देवी चौराहे से हलीम चौराहे तक तक देखा तो हम कन्फ्यूज़ हो गये अब आखिर कानूनी कार्यवाही किसपर होगी रोड जगह-जगह धंसी हुई है और पाइन लाइने फ़टी हुई हैं और इतनी ज्यादा तायदात में जल बर्बाद हो रहा जिसको मापना शायद मुश्किल है! खैर साहेब ये तो एक निंदनीय विषय है ही
लेकिन इसके साथ-साथ चिंता का एक और विषय भी है की हम जिस रोड की बात कर रहे है उस रोड पर प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक विद्यालय है और इसी रोड से नन्हे-मुन्ने मासूम छात्र-छात्राएं रिक्शे से विद्यालय आते जाते हैं! साहेब अब प्रश्न ये उठता है की बच्चो के विद्यालय आते या जाते वक्त रिक्शा व गाड़ी रोड में धस जाए या पलट जाए और इश्वर न करे कोई अप्रिय घटना घटित हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा!
वैसे आप सभी को जानकारी हेतु बता दूँ की रोड धसने की और पाइप लाइन फटने की समस्सया लगभग एक वर्ष से लगातार हो रही है विगत महीनों पहले ठीक हलीम कालेज चौराहे पर चलती हुई कार धंस गई थी जिसको राह चलते लोगों ने चालक सहित कार को बाहर निकाल लिया था जिसमे कार चालक को मामूली चोटे भी आ गई थी! इस घटना को कुछ दिन बीते ही थे की अचानक हलीम चौराहे पर फिर एक बार पाइप लाइन फट गई मानो जैसे बाड़ सी आ गई हो!
और एक बार फिर से कुछ तस्वीरे सामने आ रही है जिसमे जगह-जगह रोड धंसी हुई हैं और सड़को पर पानी बेताहासा बह रहा जिसको मापना मुश्किल है और ये एक चिन्तनीय विषय बना हुआ है! साहेब इस समस्सया ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं आखिर क्या पाइप लाइन डालने वाले इस समस्सया के जिम्मेदार है या फिर सड़क बनाने वाले इंजीनियर जिन्होंने रद्दी क्वालिटी के मैटेरियल से बनी सड़क को पास कर दिया
अब देखना ये है की इस पुरे प्रकरण पर कानपुर जिलाधिकारी कोई कार्यवाही करते है या फिर होगी कोई अप्रिय घटना