मुन्ना बजरंगी हत्याकांड – दस गोलियों के बीच उभर रहे कई सवाल

आफताब फारूकी

बागपत। यूपी के कुख्यात डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई है. बाग़पत जेल में मुन्ना बजरंगी को 10 गोलियां मारी गई हैं. जिससे मौक़े पर ही उसकी मौत हो गई. हांलाकि हत्या में इस्तेमाल पिस्टल अभी बरामद नहीं किया जा सका है. पिस्टल को गटर में फेंक दिए जाने की आशंका है. हत्या का आरोप सुनील राठी पर लग रहा है. जो जेल में बंद है. इस मामले में संज्ञान लेते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं. डीएम को जांच सौंपी गई है साथ ही जेल के जेलर, डिप्टी जेलर और कई कॉन्सटेबल को सस्पेंड कर दिया गया है.

पूर्वांचल के लिये खौफ था मुन्ना बजरंगी, 10 बड़ी बातें
रंगदारी के मामले में आज बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी. पेशी के लिए मुन्ना बजरंगी को कल ही झांसी जेल से बाग़पत जेल शिफ़्ट किया गया था.

मुन्ना बजरंगी बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में जेल में बंद था. मुन्ना बजरंगी को मुख़्तार अंसारी का क़रीबी माना जाता है.

कुछ ही दिन पहले मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने जेल में अपने पति की हत्या की आशंका जताई थी

मुन्ना बजरंगी उर्फ़ प्रेम प्रकाश सिंह के बारे में कहा जाता है कि उसने 20 साल में 40 हत्याएं की हैं. 17 साल की उम्र में पहला मुक़दमा दायर किया गया था.

1984 में लूट के लिए व्यापारी की हत्या कर दी थी. बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह की हत्या में भी इसी का नाम आया था. 90 के दशक में वह मुख़्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया था. सरकारी ठेकों पर क़ब्ज़ा, वसूली में सक्रिय हो गया.

1999 में दिल्ली पुलिस ने एन्काउंटर किया जिसमें उसे 11 गोलियां लगी थीं फिर भी वह बच गया था. 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर पूर्वांचल में सनसनी फैला दी थी. उसने राय को 100 गोलियां मारी थीं.

इसी हत्याकांड के बाद बजरंगी पर 7 लाख का इनाम रखा गया था. पुलिस, STF की दबिश के बीच वह मुंबई भाग गया.

उसने अंडरवर्ल्ड से रिश्ते बनाए, मुंबई से यूपी में क्राइम संचालित करने लगा. राजनीति में भी क़िस्मत आज़माने की कोशिश की.

29 अक्टूबर 2009 को मुंबई के मलाड से गिरफ़्तार किया गया था. तब से अलग-अलग जेलों में रखा जा रहा था

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुये कहा है कि यह घटना दर्शाती है कि राज्य में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है.

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