ग्राम अमवातेतारपुर में सम्पन्न हुआ एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम
सुदेश कुमार
बहराइच 04 जुलाई। नीति आयोग द्वारा चयनित आकाक्षांत्मक जनपद में कृषि कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषकों के कृषि आय को दोगुना करने के उद्देश्य से ब्लाक फखरपुर के ग्राम-अमवातेतारपुर में उद्यान विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से आयोजित 100 कृषकों के एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य अतिथि सुशील कुमार शुक्ला ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री शुक्ला ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपद अन्तर्गत कृषि कल्याण कार्यक्रम के तहत ग्राम-अमवातेतारपुर का चयन किया गया जिससे इस क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नीति आयोग का गठन कर पूरे देश का सर्वे कराकर सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक रूप से अति पिछड़े जनपदों का चयन किया है। आकांक्षात्मक जनपद बहराइच के अति पिछड़े 25 ग्रामों में ग्राम-अमवातेतारपुर का चयन होने इस क्षेत्र का विकास काफी तेज़ी के साथ होगा। उन्होंने कहा कि कृषि, उद्यान, गन्ना, पशुपालन, रेशम पालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन आदि की नवीनतम् तकनीक की जानकारी देकर ग्रामवासियों का कृषि के क्षेत्र में चैमुखी विकास कर आत्मस्वावलम्बी बनाया जायेगा तथा उनकी कृषि से दोगुनी आय का रास्ता बताया जायेगा।
विशिष्ठ अतिथि सेवानिवृत्त कर्मचारी नेता सोमनाथ शर्मा द्वारा बताया गया कि कृषि में नवीनतम् तकनीकी अपनाकर ही किसानों की आय दुगनी की जा सकती है। योजना प्रभारी आरके वर्मा द्वारा उद्यान विभाग द्वारा संचालित औद्यानिक विकास योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि उद्यान विभाग, बहराइच द्वारा कृषकों के कल्याण हेतु राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत फल, फूल, शाकभाजी/मसाला और संरक्षित खेती के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। केन्द्र व प्रदेश सरकार की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत लघु सीमान्त किसानांे को 90 प्रतिशत एवं अन्य किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। जनपद में अधिकतर ग्रामवासी कुपोषण के शिकार हैं। जिसको दूर करने के उद्देश्य से 05 फलदार पौध व उच्च कोटि के सब्जी बीज किट का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। जिसे किसान भाई अपने घर के अगल-बगल खाली पड़ी भूमि पर लगाकर फल व सब्जी का उत्पादन कर स्वयं के उपयोग में लाकर कुपोषण को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। उन्होंने कृषकों का आहवान करते हुए कहा कि सरकार की कृषक पारदर्शी महत्वकांक्षी योजना में पंजीकरण कराकर अधिक से अधिक लाभ उठायें।
समन्यवयक/वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. ओ.पी. वर्मा द्वारा उपस्थित कृषकों को बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा कृषकों के प्रक्षेत्र पर प्रदर्शन कार्यक्रम कराये जायेगंे तथा किसानों को घर बैठे खेती की नवीनतम् तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए हमेशा तत्पर रहेगा। वैज्ञानिक श्रीमती रेनू आर्या द्वारा किसानों को किचन गार्डेन व पोषक वाटिका व डाॅ आरके पाण्डेय ने किसानांे को मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। पशु चिकित्साधिकारी डाॅ. अनिल पाल द्वारा पशुओं की सामयिक देख-भाल व टीकाकरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस गाॅव में टीकाकरण का कार्य कर दिया गया है, अगर किसी किसान भाई का जानवर टीका के लिए बच गया हो तो उसका तुरन्त टीकाकरण करा लंे, जिससे उन्हें गंभीर बीमारियों से बचाव हो सकें।
प्रगतिशील कृषक शक्तिनाथ सिंह द्वारा अपने अनुभवांे का साझा किया गया। प्रशिक्षण में पधारे सभी कृषकों को उद्यान विभाग द्वारा पाॅच-पाॅच फलदार पौधों, मिनी किट, प्रशिक्षण किट व कृषि विभाग द्वारा मिनीकिट्स आदि का वितरण मुख्य अतिथि/विशिष्ठ अतिथि व अन्य अधिकारीगणों द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम के अन्त में ग्राम प्रधान श्रीमती अनीता शुक्ला द्वारा आभार व्यक्त किया गया