देश की खुशहाली के लिए किसानों का खुशहाल होना ज़रूरी: अनुपमा जायसवाल  

सुदेश कुमार

बहराइच 19 जुलाई। बन सरिता रिसार्ट में आयोजित किसान कल्याण सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रदेश की राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार, राजस्व एवं वित्त (एमओएस) श्रीमती अनुपमा जायसवाल ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। देश की कुल आबादी का लगभग 85 प्रतिशत प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्क्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। इसलिए देश की समृद्धि के लिए किसानों का समृद्ध होना अनिवार्य है। श्रीमती जायसवाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना कर दिया जाये। इसके लिए देश के किसानों को खेती किसानी की नवीनतम तकनीकों की जानकारी प्रदान की जा रही है।

श्रीमती जायसवाल ने कहा कि सरकार चाहती है कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य प्राप्त हो और उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं के क्रय-विक्रय में बिचैलियों की मध्यस्थता को समाप्त करने के लिए गल्ला मण्डियों को पोर्टल से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए मृदा स्वास्थ्य की महत्ता को देखते हुए सरकार द्वारा मृदा परीक्षण की व्यवस्था को प्रभावी कर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से किसान अपनी भूमि के अनुसार फसल की बुआई कर संतुलित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग कर उत्पादन लागत को बचा सकेंगे। जिससे पहले से कम कीमत पर फसल तैयार होने से उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होगा।

मुख्य अतिथि श्रीमती जायसवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए वर्ष 2018-19 के लिए खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसानों की लागत से डेढ़ गुणा या उससे अधिक देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि धान की फसल पर किसानों की ओर से लगायी जाने वाली उत्पादन लागत रू. 1166=00 को देखते हुए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू. 1750=00 देने की घोषणा की गयी है। इसी प्रकार मक्का फसल के लिए रू. 1700=00, बाजरा के लिए रू. 1950=00, ज्वार के लिए रू. 2430=00, उड़द के लिए रू. 5600=00, अरहर (तूर) के लिए रू. 5675=00, मूॅग के लिए रू. 6975=00, सोयाबीन के लिए रू. 3399=00, मूॅगफली के लिए रू. 4890=00, रागी के लिए रू. 2897=00, कपास के लिए रू. 5150=00, सूरजमुखी के बीज के लिए रू. 5388=00, तिल के लिए रू. 6249=00 तथा रामतिल के लिए रू. 5877=00 न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है जो कि लागत से डेढ़ गुणा या उससे अधिक है।

उन्होंने कहा कि किसानों से जुड़ी योजनाओं में पारदर्शिता लाने के लिए भी ऐतिहासिक निर्णय लिये गये हैं। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मिलने वाला अनुदान अब सीधे किसानों के खातों में भेजा जा रहा है। इसी प्रकार उर्वरक की बिक्री पीओएस मशीन के माध्यम से करने की व्यवस्था की गयी है। किसानों को समय से खाद, बीज, उर्वरक एवं सिचाई का पानी उपलब्ध हो सके इसके लिए सरकार द्वारा माकूल बन्दोबस्त किये गये हैं। फसली ऋण माफी जैसी महत्वाकांक्षी योजना के तहत रिकार्ड 86 लाख एवं सीमांत किसानों का ऋण माफ किया गया है। इसके अलावा किसानों का बोझ कम करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, खलिहान अग्निकांड दुर्घटना सहायता योजना, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजनाओं को संचालित कर किसानों को विभिन्न आपदाओं से सुरक्षा प्रदान की जा रही है।

किसान कल्याण सम्मेलन को भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री जितेन्द्र त्रिपाठी, लोकसभा क्षेत्र बहराइच के लोकपालक श्रीनाथ शुक्ला, प्रगतिशील किसान हनुमान प्रसाद शर्मा, कार्यक्रम के संयोजक पूर्व सांसद व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष पदमसेन चैधरी सहित अन्य वक्ताओं ने भी सम्बोधित करते हुए केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष श्यामकरन टेकड़ीवाल ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।

कार्यक्रम का संचालन भाजपा जिला उपाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर भाजपा जिला मंत्री जय प्रकाश शर्मा, सांसद बहराइच के प्रतिनिधि हरीश्चन्द्र गुप्ता, विधानसभा संयोजक कृष्ण मोहन गोयल, पूर्व चेयरमैन जिला सहकारी बैंक जितेन्द्र प्रताप सिंह ‘‘जीतू’’, ब्लाक प्रमुख शिवपुर के प्रतिनिधि पुरूषोत्तम जायसवाल, लोकसभा पालक शिव नाथ शुक्ला, मण्डल अध्यक्ष आर.एस. कोरी, नगर मीडिया प्रभारी अजीत प्रताप सिंह, नगर अध्यक्ष कन्हैया सोनी, नगर महामंत्री अजय प्रताप सिंह ‘‘अज्जू’’, भाजपानेत्री श्रीमती पुष्पा चैधरी, कार्यक्रम संयोजक समय प्रसाद मिश्रा, पार्टी पदाधिकारी राम उदार मिश्रा सहित अन्य गणमान्यजन, समाजसेवी व बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

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