वह दो घटनाएं, जो इस्राईल को डरा रही हैं
आदिल अहमद
हालिया दिनों में दो महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं जिन पर इस्राईली मीडिया बहुत ज़्यादा ध्यान दे रहा है और यह दोनों घटनाएं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं।
पहली घटना सैयद हसन नसरुल्लाह का भाषण और दूसरी घटना, ईरानी रक्षा मंत्री की सीरिया यात्रा है।
सैयद हसन नसरुल्लाह के भाषण पर इस्राईली मीडियो हमेशा असाधारण रूप से ध्यान देता है। इस्राईल के चैनल नंबर 10 पर इस्राईली विशेषज्ञ, हीज़ी सीमानतूफ़ ने एक कार्यक्रम में कहा कि निश्चित रूप से हसन नसरुल्लाह ने अपने भाषण में बड़े आसान शब्दों में हिज़्बुल्लाह और सीरिया में उसके घटकों के सामने खड़े होने वालों को धमकी दी है और इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इस्राईल, युद्ध के चरण से हारने के चरण में पहुंच चुका है और सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा है कि अमरीका पर भरोसा नहीं किया जा सकता है और सीरिया या किसी भी अन्य क्षेत्र में अपने हर सहयोगी की पीठ में उसने घुरा घोंपा है और भविष्य में भी अपने घटकों को धोखा देगा।
यह भी एक हक़ीक़त है कि इस्राईल के 80 प्रतिशत लोग, सैयद हसन नसरुल्लाह की बात पर विश्वास करते हैं और बाकी 20 प्रतिशत अपने नेताओं के बयानों पर भरोसा करते हैं। यह इस्राईल की तेलहाय यूनिवर्सिटी के सर्वे रिपोर्ट का कहना है। यही वजह है कि इस्राईल के चैनल नंबर 10 पर इस्राईली विशेषज्ञ, हीज़ी सीमानतूफ़ ने बताया कि इस्राईली सैनिकों में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ी है और सन 2017 में लगभग 44 हज़ार इस्राईली सैनिक मनोरोग के केन्द्रों में गये हैं।