जलजनित रोगों के प्रकोप से लोग पड़ रहे हैं बीमारा
अधिकांश लोग मलेरिया, बुखार, टाइफाइड से पीड़ित
कानिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : इन दिनों हो रहे मौसम परिवर्तन की वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसमें मलेरिया के मरीज अधिक हैं। एक तरफ जहां डॉक्टरों की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है वहीं दूसरी तरफ वार्डो में भर्ती मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इसमें अधिकांश मलेरिया, बुखार, टाइफाइड, उल्दी-दस्त जैसे बीमारियों से ग्रसित हैं। कई दिनों से चल रही बारिश शनिवार को बंद हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली।
इस मौसम की चपेट में बच्चे भी अछूते नहीं हैं। यही कारण है कि इन दिनों सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय की ओपीडी में उल्टी-दस्त व बुखार से ग्रसित बच्चे अधिक आ रहे हैं। शनिवार की ही बात करें तो बेली अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत पांडेय, डॉ. शैलेंद्र व डॉ. यूपी पांडेय की ओपीडी में अधिक भीड़ रही। संक्रामक रोग के जिला प्रभारी डॉ. एएन मिश्रा के मुताबिक, जिले के 16 ब्लाकों में खासकर मलेरिया, हैजा, गैस्ट्रो, डायरिया, पोलियो, जेई, खसरा आदि में विशेष निगरानी चल रही है। एक माह में मलेरिया के 118 मरीज
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. केपी द्विवेदी के अनुसार, जुलाई में 8993 लोगों की मलेरिया की जांच की गई। इसमें 118 मरीज मलेरिया के पाए गए, जबकि जनवरी से जुलाई तक 53253 मरीजों में मलेरिया की जांच की गई, जिसमें कुल 593 मरीज मलेरिया के पाए गए। दस्त से निजात दिलाने की कवायद
27 जुलाई से जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जो नौ अगस्त तक चलेगा। डायरिया से होने वाली शिशु मृत्यु एवं बाल मृत्यु दर में कमी लाए जाने के लिए यह पखवाड़ा चल रहा है। इसके तहत डायरिया के मरीजों को चिह्नित करके उनका इलाज किया जा रहा है और ओआरएस जिंक वितरित किया जा रहा है। बचाव के आवश्यक टिप्स
-घर के आस-पास गंदा पानी न जमा होने दें।
-पूरी बांह का शर्ट या टीशर्ट पहनकर रहें।
-नालों के आस पास बिल्कुल न रहें।
– गाड़ी चलाते समय मुंह पर मास्क अवश्य लगाएं।
– रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
-खुले में बिकने वाले खाद्य सामानों का प्रयोग न करें।
आरोग्य केंद्रों पर इंटरनेट से होगी इलाज की सुविधा
इलाहाबाद : सरकार आरोग्य केंद्रों पर इंटरनेट के जरिए मरीजों का इलाज कराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कौड़िहार विकास खंड के 26 उप स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया है।
ग्रामीण इलाकों में एएनएम सेंटरों को अपग्रेड कर उन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (आरोग्य केंद्र) के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। इन केंद्रों पर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके, इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की तैनाती की जाएगी। सभी सीएचओ को टेबलेट भी उपलब्ध कराया जाएगा। इन केंद्रों पर मरीजों का प्राथमिक इलाज किया जाएगा। केंद्रों में गंभीर रोगों के मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेज या अन्य दूसरे अस्पतालों के डाक्टरों से इंटरनेट के जरिए कराने की सुविधा होगी। इसके लिए कौड़िहार के पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कौडि़हार, हथिगहां, श्रृंगवेरपुर, सीताकुंड व होलागढ़ को इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है। आरोग्य केंद्रों पर तैनात सीएचओ पहले इंटरनेट के जरिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से संपर्क करेंगे। वहां के डॉक्टरों के परामर्श करने के बाद मरीजों का बेहतर इलाज करेंगे। इन सेंटरों पर मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं कैंसर की जांच समेत कई अन्य प्रकार की सुविधाएं होंगी। 26 एएनएम सेंटरों पर तेजी से काम चल रहे हैं।