सई उफान पर, खतरे में तटीय इलाके
कानिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : पिछले हफ्ते हुई तेज बारिश के बाद पड़ोसी जिले प्रतापगढ़ के सई नदी उफान पर है। नदी का पानी बेल्हा देवी मंदिर से सटे मोहल्लों की तरफ बढ़ने लगा है। ऐसे में तटीय इलाके में दहशत है और कुछ लोगों ने सुरक्षित जगह शरण भी ले ली है। प्रशासनिक अधिकारियों ने कई मोहल्लों का दौरा किया और लोगों को आगाह किया है।
पिछले दिनों हुई तेज बारिश से नगर क्षेत्र का बेल्हा घाट मोहल्ला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां के कई मकानों में पानी भर गया है और सड़क भी पानी में डूब गई है। दो दिन पहले जब सई नदी का पानी घाट की तरफ बढ़ने लगा तो लोगों में भय व्याप्त हो गया। शुक्रवार को जब सई नदी का पानी बेल्हा घाट मोहल्ले में घुसना शुरू हुआ तो लोग कांप उठे। आखिरकार बेल्हा घाट के लोगों को अपने घर से पलायन करना पड़ा और पास के ही मोहल्ले में शरण लेनी पड़ी। यहां पिछले चार साल से मकान बनाकर रह रहे गोंडा जिले के पांडेय का पुरवा गांव निवासी मोहन लाल सोनी अपना घर छोड़कर बगल में किराए के एक मकान में रहने चले गए हैं। वहीं दूसरी ओर कोहड़ौर के राम फल यादव व कांधरपुर बाजार के रामकरन सरोज अपना घर छोड़कर गांव चले गए। इस मोहल्ले से सटे सदर बाजार और पटखौली वार्ड में रहने वाले लोगों के माथे पर ¨चता की लकीरें ¨खच आयी हैं। यहां के रहने वाले भोले शर्मा कहते हैं कि दिन में तो पानी का चढ़ना देखा जा सकता है लेकिन सबसे ज्यादा खतरा रात का है। रात में पानी चढ़ा तो लोग अपना बचाव भी नहीं कर पाएंगे। सई नदी से बढ़ते खतरे से प्रशासनिक अधिकारियों में भी बेचैनी है। तहसीलदार सदर अनिल कुमार यादव रविवार को दिन में साढ़े 12 बजे बेल्हा मंदिर पहुंचे और यहां से बेल्हा घाट मोहल्ले का दौरा किया। इस दौरान मोहल्ले के मोहन लाल, मूला देवी, संतोष पटेल ने उनसे आप बीती सुनाई। हालांकि तहसीलदार उन्हें कुछ संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। तहसीलदार ने लेखपाल को बाढ़ प्रभावित लोगों के रहने के लिए मंदिर के बगल खाली पड़े स्कूल, कालेज, धर्मशाला में व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
मुसीबत से किया किनारा
सई नदी के बाढ़ प्रभावित मोहल्ले के लोगों को इस बात का मलाल है कि वे संकट में हैं और अभी तक पालिकाध्यक्ष उनके मोहल्ले में नहीं आईं। इसके अलावा पालिका अफसरों ने भी अभी तक उनकी सुध