इलाहाबाद में दो सेमी और बढ़ी गंगा
कानिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। हालांकि अब रफ्तार कम हो गई है। रविवार शाम चार बजे से सोमवार सुबह आठ बजे के बीच दो सेमी गंगा का पानी बढ़ा है। जबकि यमुना का पानी इस अवधि में दस सेमी घटा है। तीन दिन पहले तक यमुना में भी तेजी से पानी बढ़ रहा था। बताते है कि यमुना में दो दिनों बाद फिर पानी बढ़ सकता है, क्योंकि मध्य प्रदेश में बारिश के कारण केन और बेतवा नदियों का पानी यमुना में आएगा। इसी तरह बुंदेलखंड में बरसात का पानी चंबल नदी से यमुना में आएगा।
अब बाढ़ का खतरा कम हो गया है। गंगा का जलस्तर जिस तरह से पिछले दिनों बढ़ा था, उस हिसाब से अब रफ्तार कम हो गई है। हालांकि पानी बढ़ भी सकता है। क्योंकि उत्तराखंड में बारिश हो रही है, वहां का पानी भी गंगा में आएगा। वैसे भी नरौरा और टिहरी बांध से अब भी पानी छोड़ा जा रहा है। हरिद्वार और कानपुर बैराजों से भी पानी छोड़ा जा रहा है। इसीलिए गंगा का पानी बढ़ रहा है। अलबत्ता स्पीड कम हो गई है। पानी बढ़ने का सिलसिला कम न होने से निचले इलाके के लोगों में हलचल तेज हो गई है। आशंका है कि आने वाले दिन बाढ़ प्रभावित लोगों की मुसीबतें बढ़ाने वाले होंगे। उत्तराखंड में बारिश इसी तरह होती रही तो दो दिन बाद से नरौरा बांध से रोज लगभग एक लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जाएगा। पिछले एक सप्ताह में नरौरा और टिहरी बांध से एक बार दो लाख तो इसके पहले तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड की रिपोर्ट के मुताबिक बांधों का पानी आने लगा है। इसी वजह से गंगा का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। यमुना का जलस्तर भले ही अब कम हो रह है, मगर आने वाले दिनों में यमुना का भी पानी बढ़ेगा। गंगा में पानी बढ़ने से तटीय इलाकों में अब हड़कंप की स्थिति है। निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका को लेकर हलचल तेज हो गई है। लोग-बाग अपने जान-माल की आशंका से हैरान-परेशान हो गए हैं। पिछली बार आई बाढ़ को याद कर वो सिहर उठते हैं। पिछली बाढ़ में निचले इलाके के लोगों को काफी नुकसान हुआ था। शहर में गंगा किनारे बसे राजापुर, गंगानगर, बेली कछार, रसूलाबाद, चिल्ला, शिवकुटी, बघाड़ा, सलोरी, नागवासुकि, दारागंज इलाके बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आते हैं। इसी तरह गंगा का जलस्तर बढ़ने से झूंसी, छतनाग, ककरा, कोटवा, धनैचा, दुमदुमा, लवायन, मवैया, मनैया, डीहा, सेमरहा गांवों में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है।