आबकारी नोंट काण्ड की जांच शुरू, विभाग में अफरा-तफरी का माहौल

मो आफ़ताब फ़ारूक़ी

इलाहाबाद । आबकारी कालोनी में हुए नोंट काण्ड मामले की जांच में शनिवार को विवेचक ने कई अहम विन्दुओं पर पूंछताछ की है। इस ममाले में अपर आयुक्त लाइसेंसिग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
कैन्ट थाना क्षेत्र में स्थित आबकारी कालोनी के गैराज में लाखों रूपये मिलने की सूचना राजपुर स्थित पिंक कालोनी निवासी जोन एक्स कमिश्नर जे.बी. सिंह ने 21 जून को फोन से दी थी। सूचना पर पुलिस एवं एसडीएम सदर भी पहुंचे थे और वहां से सात लाख तिरानबे हजार पांच सौ रूपये मौके से बरामद हुए थे। लेकिन यह साफ नहीं हो पाया था कि उक्त रूपया किसका है और कहां से आया था। हालांकि मामला प्रकाश में आने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी ने मामले की जांच क्षेत्राधिकारी सिविल लाइंस श्रीश्चन्द्र को शौप दिया। जांच पूरी होने के बाद उन्होंने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दे दिया। जिसके बाद लगभग तीस लाख होने की पुष्टि भी की गई। लेकिन तीस लाख रूपया किसका है और किस काम के लिए वहां रखा गया था। इन्हीं सब विन्दुओं की जांच के लिए इस सम्बन्ध में कैन्ट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें आबकारी आयुक्त लाइसेंसी अविनाश मणि त्रिपाठी को अबतक दोषी मान रही है।
उक्त मुकदमें की जांच मिलते ही क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम शिवराज ने नोटकाण्ड प्रकरण की जांच शुरू कर दिया है। वह दो दिन से आबकारी कार्यालय में जाकर संदिग्धों से पूंछताछ कर रहें है। लेकिन दो दिन से हो रही विवेचना अबतक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।

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