तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, अब यमुना भी उफान पर

कनिष्क गुप्ता

इलाहाबाद : गंगा अब उफान की ओर हैं। अब लगभग पांच मीटर ही गंगा खतरे के निशान से नीचे हैं। जिस हिसाब से हर घंटे गंगा का जल स्तर बढ़ रहा है उससे तो यही आशंका है कि आने वाले दिन बाढ़ प्रभावित लोगों की मुसीबतें बढ़ाने वाले होंगे। गंगा के जलस्तर के बाद अब यमुना का स्तर भी बढ़ने लगा है। ऐसे में शहर बाढ़ की आशंका से परेशान है। प्रशासन भी इसी अनुसार तैयारियों में जुटा है।

नरोरा और टिहरी बांधों तथा हरिद्वार व कानपुर बैराज से लगभग दो लाख क्यूसेक पानी फिर छोड़ा गया है। उत्तराखंड में बारिश इसी तरह होती रही तो शनिवार से नरोरा बांध से रोज लगभग एक लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जाएगा। पिछले एक सप्ताह में नरोरा और टिहरी बांध से एक बार दो लाख तो इसके पहले तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इसी तरह हरिद्वार बैराज और कानपुर बैराज से भी पानी रोज छोड़ा जा रहा है। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार और शुक्रवार शाम के बीच गंगा के जलस्तर में लगभग 48 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

यही नहीं गंगा का जलस्तर हर घंटे दो सेमी बढ़ रहा है। बांध और बैराज से छोड़ा गया पानी यहां पहुंचा तो स्थिति विकराल हो सकती है। यमुना का जलस्तर पहले तो घटा था लेकिन अब उसमें एक बार फिर तेजी आ गई है। मध्यप्रदेश और बुंदेलखंड में हुई बारिश के कारण केन, बेतवा और चंबल का पानी फिर यमुना में बढ़ने लगा है। जिसके अभी लगातार कई दिनों तक आने के आसार हैं। ऐसे में नदी का जलस्तर बढ़ता ही जाना है। नदियों का जलस्तर इलाहाबाद में भले ही अभी करीब पांच मीटर नीचे हो, लेकिन नदियों के क्षेत्र में बसे शहर के कई प्रमुख इलाकों और कछार के क्षेत्र में अभी से पानी भरने लगा है। जिससे लोग दूसरे स्थानों पर शिफ्ट करने में जुट गए हैं।

गंगा-यमुना का जलस्तर

फाफामऊ –79.230 मीटर

छतनाग –77.350 मीटर

नैनी –77.970 मीटर तटीय इलाकों में मचा है हड़कंप

गंगा के तटीय इलाकों में राजापुर, गंगानगर, बेली कछार, रसूलाबाद, चिल्ला, शिवकुटी, बघाड़ा, सलोरी, नागवासुकि, दारागंज इलाके बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आते हैं। इसी तरह गंगा का जलस्तर बढ़ने से झूंसी, छतनाग, ककरा, कोटवा, धनैचा, दुमदुमा, लवायन, मवैया, मनैया, डीहा, सेमरहा गांवों में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है। कछार के कई इलाके और खासकर शहर में छोटा बघाड़ा जहां बड़ी संख्या में छात्र और प्रतियोगी छात्र किराए पर रहते हैं।

वह इलाका नदी क्षेत्र में बसा हुआ है। ऐसे में इन क्षेत्रों में लोग अब बाढ़ की दहशत में रतजगा करने लगे हैं। कुछेक इलाकों में पानी घुस गया है। जिसकी वजह से छात्र या तो दूसरे इलाकों में शिफ्ट करने लगे हैं या फिर अपने घरों को लौटने लगे हैं। बाढ़ का खतरा शहर के अन्य इलाकों में भी मंडराने लगा है। प्रशासन ने भी इन इलाकों में बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। साथ ही जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम और जिला आपदा राहत प्रभारी को भी यहां भ्रमण के निर्देश दिए हैं।

निर्माण से परेड बांध को बताया खतरा

इलाहाबाद : कुंभ के दौरान मेला प्रशासन अखाड़ों में कई निर्माण कार्य करवा रहा है। मगर सर्वदलीय पार्षद/पूर्व पार्षद संघर्ष समिति का आरोप है कि यह काम गलत तरीके से हो रहा है। साथ ही इसमें एचएफएल (हाइएस्ट फ्लड लेबल) में किसी तरह के निर्माण के प्रतिबंध का भी उल्लंघन हो रहा है। समिति ने शुक्रवार को एडीए उपाध्यक्ष भानुचंद्र गोस्वामी और नगर आयुक्त अविनाश सिंह से मुलाकात की। समिति के प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि दारागंज में मोरी गेट के सामने एक अखाड़े में निर्माण के लिए परेड बांध को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। साथ ही नाले के ऊपर निर्माण कार्य करने की योजना है। जो बेहद खतरनाक है। कहा कि इसे रोका जाए, नहीं हो बांध पर संकट हो सकता है। प्रतिनिधिमंडल ने एडीए उपाध्यक्ष से मांग की कि महानगर योजना नहीं, व्यवहारिक दृष्टिकोण को देखते हुए सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जाए। प्रतिनिधिमंडल में कमलेश सिंह, शिव सेवक सिंह, अशोक सिंह, आनंद घिल्डियाल, अजय यादव, सोनू पटेल समेत अनेक पार्षद और पूर्व पार्षद शामिल रहे।

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