राजेश सिंह हत्याकाण्ड में हाई कोर्ट हुआ सख्त

तारिक़ खान

इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंण्डपीठ ने प्रतापगढ़ के बाघराय थानाक्षेत्र में 12 दिसम्बर 2016 में हुई बहुचर्चित राजेश सिंह हत्या कांड की विवेचना किसी न किसी बहाने लटकाए रखने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है और 4 अक्टूबर तक नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी सहित उठाये गये कदमो के व्योरे के साथ हलफनामा मांगा है।कोर्ट ने कहा है कि हत्या केस की विवेचना हर हाल में पूरी की जाय। यदि कोर्ट के आदेश का पालन नही किया जाता तो विवेचना लटकाने के लिए जवाबदेह अधिकारियो के वेतन से 50 हजार रूपये का हर्जाना वसूल किया जाय।

यह आदेश न्यायमूर्ति अजय लांबा तथा न्यायमूर्ति संजय हरकौली की खंण्डपीठ ने श्रीमती पूनम सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह ने बहस की। मालूम हो की याची के पति राजेश सिंह की हत्या 12 दिसम्बर को कर दी गयी थी। एक दर्जन लोगो के खिलाफ नामजद ऍफ़ आई आर दर्ज की गयी। आरोपियों की गिरफ्तारी नही की गयी और नही विवेचना सही ढंग से की गयी। अभियुक्तो ने डी आई जी इलाहाबाद को अर्जी देकर विवेचना प्रतापगढ़ से इलाहाबाद पुलिस को स्थानांतरित करा ली। हाई कोर्ट के कड़े रुख पर यह आदेश वापस ले लिया गया।याची ने विवेचना में तेजी लाने की मांग में याचिका दाखिल की। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी को कुर्की कार्यवाही का आदेश लिया गया है और कहा 3 आरोपियों के खिलाफ सबूत न होने के कारण आरोप झूठे पाये गये।उन्हें विवेचना से अलग कर दिया गया और 4 लोगो के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।कोर्ट ने कहा विवेचना दो माह में निष्पक्ष तरीके से पूरी की जाय।

एक विधायक संगम लाल गुप्ता ने प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखकर विवेचना सी बी सी आई डी को सौपने की संस्तुत्ति की।कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी ऐसा ही पत्र लिखा। 14 सितम्बर 2017 को राज्य सरकार ने विवेचना सी बी सी आई डी को सौप दी और 3 माह में विवेचना रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। आरोपी हिस्ट्री सीटर है।उनके खिलाफ 5 केसों की जाच एस पी प्रतापगढ़ ने 19 सितम्बर 17 को सी बी सी आई डी को सौप दी।फाइल पर सरकार के आदेश लेने की कार्यवाही न करने के कारण विवेचना रुकी रही। जिसे कोर्ट ने गम्भीर माना और कहा कि अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नही किया गया। कोर्ट ने कहा मामले को लंबे समय तक लटकाए नही रखा जा सकता। प्रभावी जाच पूरी की जाय। याचिका की सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी.

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