सीएचसी नरहीं के निरीक्षण में डॉक्टर पर बड़ी कार्रवाई करने के निर्देश
अंजनी राय
बलिया: नोडल अधिकारी सन्तोष कुमार राय ने रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरहीं का निरीक्षण किया। एक चिकित्सक के घोर लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई करने के निर्देश सीएमओ को दिए।
निरीक्षण के दौरान नोडल अफसर ने उपस्थिति पंजिका के लगायत अन्य रजिस्टरों को चेक क़िया। ठीक ढंग से स्टाक मेंटेन नहीं करने पर नाराजगी जताई। अस्पताल परिसर में साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया। पूछताछ में सीएमओ ने एआरवी समेत जरूरी दवाओं की उपलब्धता के साथ दवा ऑर्डर के बाद तय समयसीमा में दवा नहीं आने की समस्या बताई। नोडल अफसर ने इसको शासन स्तर पर अवगत कराने का भरोसा दिलाया। अगले भ्रमण में स्वास्थ्य विभाग की अलग से समीक्षा बैठकेल रखने के निर्देश दिए।
घोर लापरवाही की बात सामने आने पर डॉ आनंद पर बड़ी कार्रवाई करने को कहा। निर्देश दिया कि बर्खास्तगी की कार्यवाही शुरू हो। स्वास्थ्य क्षेत्र में इस कदर लापरवाही पर दो महीने से तनख्वाह रोकना व ट्रांसफर जैसी कार्रवाई काफी नहीं है। सस्पेंशन तक नहीं करने पर सीएमओ को ही सवालों के घेरे में घेरा। डॉ आनंद का का कहीं दस्तखत नहीं। कभी कभार ही सीएचसी पर आने की शिकायत मिली। बावजूद इसके स्थानांतरण कर कार्रवाई की औपचारिकता पूरी करने को लेकर नोडल अधिकारी नाराज दिखे।
अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लगातार छापेमारी जारी रहे। बगैर लाइसेंस के कोई संचालित न हो। जो चल रहे हैं उन पर कोई अवैध कार्य जैसी शिकायत नहीं मिले। अगर कोई डाक्टर प्राइवेट प्रेक्टिस करते हैं तो सख्ती से कार्रवाई सुनिश्चित कराएं। मरीजों को मिलने वाले भोजन आदि को दिलाना सुनिश्चित करें। विशेष तौर पर कहा कि जिला अस्पताल का किचन पूरी तरफ साफ सुथरा व मानक के अनुरूप हो।
आरबीएसके योजना का संचालन ठीक से हो
– स्कूलों में मेडिकल चेकप कराने सम्बन्धी पूछताछ की। आरबीएसके योजना का संचालन ठीक ढंग से सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। जो माइक्रोप्लान बना है उसके हिसाब से बच्चों का मेडिकल चेकप सुनिश्चित किया जाए। इसमें लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
निर्माणाधीन अस्पतालों के मानक पर रखें नजर
– नोडल अधिकारी ने कहा कि निर्माणाधीन अस्पतालों के निर्माण की गुणवत्ता को भी अपने विभागीय अभियंता से दिखवाते रहें। सिर्फ हैंडओवर करने के समय ही वहां नहीं जाए। अगर मानक खराब मिला तो स्वास्थ्य विभाग के निर्माण जेई की भी जवाबदेही तय की जाए। हर हप्ते जेई से जरूरी पूछताछ करते रहें। मनियर सीएचसी की स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसी स्थिति अत्यंत आपत्तिजनक है।