मौलाना सज्जाद के हाथो रखी गई चिश्ती मस्जिद की संगे बुनियाद
नुरुल होदा खान
सिकन्दरपुर /बलिया- नगर के मोहल्ला मिल्की स्थित शेख चक मुबारक दादा पीर के आस्तानें से सटे बगल में चिश्ती जन्नती मस्जिद का संगे बुनियाद मौलाना सज्जाद के द्वारा रखा गया। इस मस्जिद का इतिहास बहुत पुराना रहा है इस बारे में मौलाना सज्जाद साहब से बातचीत के द्वारा यह पता चला कि इस मस्जिद का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है तथा इसमें बहुत सारी हस्तियों (बुजुर्ग गानेदीन) नें अपने अपने समय में नमाज पढ़ते आए हैं।
इन्हीं बुजुर्गगाने दीन में से एक है शेर चक मुबारक अहमद चिश्ती अलैहे रहमा जो मुल्के अदन से सिकन्दरपुर में तशरीफ़ लाए थे। सिकन्दरपुर आने के बाद उन्होंने दिने इस्लाम का प्रचार प्रसार किया। उनके जमाने में मौजूदा उनके आस्ताने पर कव्वालियां हुआ करती थी लंगर चला करते थे लोगों का आना जाना लगा रहता था। इतनी भारी संख्या में मुरीद व आम अवाम इसी मस्जिद में नमाज अदा करते थे। यह सिलसिला पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता रहा लोग इस मस्जिद में नमाज अदा करते रहे।
पहले यह मस्जिद मिट्टी और लकड़ी से बनी हुई थी यही कारण है कि मस्जिद धीरे-धीरे करके शहीद हो गई। जिसकी बुनियाद आज उर्दू तारीख 12 जिल हिज्जा सन् 1439″तथा अंग्रेजी तारीख 24 अगस्त 2018 दिन शुक्रवार को रखा गया। इस दौरान,हाजी अजहर खान,मज़हर खान,हशमत मोईद ,अहमद बाबू,हाफिज रमज़ान,रफीक खान,फिरोज खान,नेहाल खान,आजाद वकील,शरफुद्दीन खान,हाजी शमीम,कय्यूम खान,शमशाद अन्सारी,खुर्शीद मेम्बर प्रत्याशी,ई0जुलफेकार,साजिद खान,सरवर अंसारी,संजय खान,इरशाद अमजदी,सलाउद्दीन खान(सोनू),राशिद खान,इशरत मोईद,जावेद खान,शमशेर अन्सारी