जाने कहा विराजमान है त्रिशूल की आकृति में भोलेनाथ

विकास राय

गाजीपुर जनपद के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के राजापुर गांव के उत्तर दिशा में वाराणसी छपरा रेलवे लाइन के पार उत्तर दिशा में भगवान शिव के एक दिव्य स्वरूप त्रिशूल की आकृति के रूप में विराजमान है भक्त वत्सल श्री गोरिल बाबा।गोरिल बाबा 52 गांव दोनवार वंश के इष्ट देवता है। इनका वार्षिक पूजन हर वर्ष श्रावण शुक्ल सप्तमी या उसके बाद पडने वाले मंगलवार को किया जाता है।

सुबह से ही दर्शन पूजन करने वाले भक्तों का आने जाने का क्रम शुरू हो गया ।दोपहर तक तो हजारों की संख्या में पुरूष एवं महिलाओं की भीड गोरिल बाबा के धाम पर जमा हो गयी।इस वार्षिक पूजन के अवसर पर गोरिल बाबा के धाम पर मेले का भी आयोजन किया गया।मेले के अवसर पर हर साल की तरह कुश्ती दंगल का भी आयोजन किया गया।इस कुश्ती दंगल में गाजीपुर .बलिया. वाराणसी.आजमगढ. समेत दूर दूर के पहलवान आकर अपनी कुश्ती कला का प्रदर्शन किया।कानपुर .वाराणसी एवं गोरखपुर से इस बार महिला पहलवानों ने भी इस दंगल में शिरकत किया।कुश्ती दंगल के उद्घोषक हरिनरायण राय एवं दंगल के निर्णायक पूर्व जिला केशरी रणजीत राय पहलवान रहे।दंगल प्रेमियों ने कुश्ती दंगल का भरपूर आनन्द लिया।

मेले में चाट.फुल्की एवम जलेबी की दुकानों पर सबसे ज्यादा भींड दिखाई दे रही थी। मीना बाजार में महिलाओं ने भी जम कर खरीदारी की।बांसुरी.एवम तरह तरह तरह के खिलौने समेत आइसक्रीम की भी अनेक दुकाने मेले में लगी थी।मेला समिति के अध्यक्ष नित्यानंद त्रिपाठी मेला व्यवस्था में एक दिन पूर्व से ही लगे थे। सर्व प्रथम सुबह सुबह गोरिल बाबा के यहां ब्यवस्था में नरेन्द्र राय शिक्षक एवं श्रीनिवास राय ने भरपूर सहयोग किया। दोपहर बाद मनोज राय .रमेश कवि एवम उनके सहयोगियों ने बाबा के यहां की ब्यवस्था में अपना सराहनीय सहयोग किया।श्री गोरिल बाबा के धाम पर उद्घोषक की भुमिका में राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी भी अपना सहयोग किये।

राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी ने बताया की श्री गोरिल बाबा भक्त वत्सल है। आप अपने दरबार में आये भक्त की हर मनोकामना पूर्ण करते है।युवा समाजसेवी श्याम बहादुर राय ने बताया की राजापुर में आयोजित होने वाले मेले का भी अपना एक पुराना शानदार इतिहास है।यह मेला भी लम्बे समय से यहां आयोजित होता रहा है।इस मेले में कुश्ती देखने के लिए लोग दूर दूर से आते है। क्षेत्र के लोगों को इस मेले का इंतजार रहता है।गोरिल बाबा की कृपा सदैव भक्तों पर बनी रहती है।आपकी कृपा एवं चमत्कारिक शक्तियों को हम सभी सदैव महसूस किया करते है।यह भी एक सत्यता है की गोरिल बाबा के पूजन के दिन चाहे कितना भी सूखा पडा हो इन्द्र देव की कृपा जरूर होती है।आज भी दोपहर में जो बारिश हुइ उसका केन्द्र बिंदू राजापुर गांव ही रहा।अगल बगल बूंदा बादी भी नहीं हुवा। राजापुर निवासी मिथिलेश राय ने बताया की अठारहवी शताब्दी में हम लोगों का गांव राजापुर आबाद होने का इतिहास मिलता है।हम लोगों के पूर्वज स्व श्रीकांत राय जी रैनी अमारी जनपद आजमगढ से इस स्थान पर आये थे। उन्होने ही सर्वप्रथम गोरिल बाबा का दर्शन प्राप्त किया था।

गोरिल बाबा के आदेश एवं आशिर्वाद से राजापुर में अपना आशियाना बनाया।श्रीकांत राय को सुरक्षित राजापुर में आबाद करने में भी श्री गोरिल बाबा का ही आशिर्वाद है। मंगलवार को गोरिल बाबा के दर्शन पूजन के लिए बावन गांव दोनवार वंश के लोग एवम आस पास के भी श्रद्धालु भक्त राजापुर में आकर गोरिल बाबा का दर्शन पूजन किये।इस अवसर पर अनिरूद्व राय पूर्व कैप्टन.राकेश राय इंजीनियर. बीरभद्र राय.आनन्द राय.बरमेश्वर राय.अशोक यादव. गुप्तेश्वर बारी.शिवपूजन पासी पूर्व प्रधान. अंकित राय.बेचन यादव. आमोद राय.अनिरुद्ध यादव.राम जी यादव.समेत ढेर सारे लोग उपस्थित रहे।सुरक्षा के लिए करीमुद्दीनपुर पुर पुलिस के जवान एवम डायल 100 के जवान भी मेले में तैनात रहे ।थानाध्यक्ष अपने हमराहियों के साथ चक्रमण करते रहे।

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