ईरान और तुर्की मिलकर अमेरिकी पड़यँत्रो को विफ़ल बना सकते है – दोगू परनीचक
आफताब फारुकी
तुर्की की वतन पार्टी के नेता ने बल देकर कहा कि तुर्की और ईरान क्षेत्र के दो महत्वपूर्ण देश हैं और उन पर अमेरिका का वर्चस्व नहीं है और यह बात वाशिंग्टन को बिल्कुल पसंद नहीं है. तुर्की की वतन पार्टी के नेता दोग़ू परीनचक ने कहा है कि ईरान और तुर्की की एकजुटता से क्षेत्र में अमेरिकियों के फित्ने को निष्क्रिय और उनकी साज़िशों को प्रभावहीन बनाया जा सकता है।
समाचार एजेन्सी इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार परनीचक ने एक टीवी वार्ता में कहा कि अमेरिका बहुत से देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है इस प्रकार से कि संयुक्त अरब इमारात, सऊदी अरब और मिस्र जैसे देश वाशिंग्टन के नियंत्रण में हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ देशों में अमेरिका के सैनिक हस्तक्षेप को भी देखा जा सकता है और इससे उसका लक्ष्य उन देशों को घुट देने पर बाध्य कर देना होता है इस प्रकार से कि सीरिया और इराक की वर्तमान परिस्थिति को अमेरिका के सैनिक हस्तक्षेप का परिणाम माना जा सकता है।
तुर्की की वतन पार्टी के नेता ने बल देकर कहा कि तुर्की और ईरान क्षेत्र के दो महत्वपूर्ण देश हैं और उन पर अमेरिका का वर्चस्व नहीं है और यह बात वाशिंग्टन को बिल्कुल पसंद नहीं है क्योंकि क्षेत्र के बहुत से संकटों का समाधान ईरान और तुर्की की उपस्थिति से संभव है।
उन्होंने ईरान और तुर्की के खिलाफ प्रतिबंध पर आधारित अमेरिका की हालिया धमकी की ओर संकेत करते हुए कहा कि तेहरान और अंकारा के मुकाबले में वाशिंग्टन का रवइया अंतरराष्ट्रीय कानूनों से मेल नहीं खाता है इस प्रकार से कि यूरोपीय देश भी अमेरिका की ओर से इस प्रकार के व्यवहार के विरोधी हैं।
परनीचक ने स्पष्ट किया कि ईरान और तुर्की के खिलाफ अमेरिका की धमकी अस्वीकार्य और अमानवीय है और इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यह स्थिति अंकारा और तेहरान दोनों को पहले से अधिक एक दूसरे के निकट करेगी। ज्ञात रहे कि अमेरिकी पादरी एन्ड्रिव बर्सन की तुर्की में गिरफ्तारी के मुद्दे को लेकर अमेरिका और तुर्की के संबंध तनावग्रस्त हो गये हैं।
तुर्की की सरकार ने आतंकवादी कार्यवाही में लिप्त होने और फत्हुल्लाह गूलेन से संबंध होने के आरोप में आंद्रे बर्सन को वर्ष 2016 में गिरफ्तार कर लिया था। तुर्की फत्हुल्लाह गूलेन को 15 जुलाई वर्ष 2016 के विफल सैन्य विद्रोह का ज़िम्मेदार मानता है।