गज़्ज़ा पर हमला, ज़ायोनियों को फिलिस्तीनियों का करारा जवाब

आफताब फारुकी

फिलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास और इस्लामी जेहाद आंदोलन की सैन्य शाखा अलकुद्स ब्रिगेड ने गुरुवार की प्रातः अलग अलग बयान जारी करके ज़ायोनी शासन के अतिक्रमण के जवाब के अपने अधिकार पर बल दिया है।

इन बयानों में हमास और इस्लाम जेहाद संगठनों ने बल दिया है कि फिलिस्तीनी प्रतिरोध माोर्चा, हमले के जवाब में हमले के दायरे में ज़ायनियों के अतिक्रमणकारी क़दमों का मुंहतोड़ उत्तर दे। यह बयान गज़्जा पट्टी पर इस्राईल की ओर से व्यापक बमबारी के बाद जारी किया गया है। फिलिस्तीनियों ने भी इन हमलों का उत्तर देते हुए सौ से अधिक मिसाइल, ज़ायोनी कालोनियों पर दागे। गज़्जा पर इस्राईल के हमलों में तेज़ी का मुख्य कारण अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियां हैं जो वास्तव में इस्राईल के लिए हर प्रकार का अपराध करने के लिए हरी झंडी की हैसियत रखती हैं। इस्राईल इस प्रकार से फिलिस्तीनियों को डरा कर वापसी मार्च का सिलसिला रोकने की कोशिश कर रहा है जो पिछले 30 मार्च से आरंंभ हुई है और अब तक जारी है।

अमरीका और उसके घटक फिलिस्तीन के मुद्दे को पूरी तरह सब दबा देने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन फिलिस्तीन में प्रतिरोध का नया चरण अंगड़ाई ले रहा है और अब फिलिस्तीनी नहीं, बल्कि ज़ायोनी हल्क़ों में भय व आतंक फैल रहा है। फायर के बदले फायर एेसी नीति है जिसे अब फिलिस्तीनियों ने गंभीरता के साथ लागू कर दिया है और यह साबित कर दिया कि अतिक्रमणकारी कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। फिलिस्तीन की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि फिलिस्तीनी जनता,अपने संघर्ष के अधिक प्रभावशाली चरण में प्रविष्ट हो चुकी है और ज़ायोनी शासन उन्हें रोकने में बुरी तरह से नाकाम हो चुका है।

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