रूस ने की सीरिया से अमरीकी सेना की वापसी की मांग
आफ़ताब फारुकी
रूस ने सीरिया में जारी अशांति के लिए अमेरिका को ज़िम्मेदार ठहराते हुए मांग की है कि जितनी जल्दी हो सके अमेरिकी सैनिक बिना किसी शर्त के सीरिया छोड़ दें, ताकि सीरिया में एक बार फिर शांति स्थापित की जा सके।
रूसी अधिकारियों ने अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जान बोल्टन द्वारा सीरिया से ईरान के सैन्य सलाहकारों को निकाले जाने की मांग के जवाब में कहा है कि सीरिया में अशांति का मुख्य कारण स्वयं अमेरिकी सेना की उपस्थिति है जिन्हें तुरंत सीरिया छोड़ कर चले जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जान बोल्टन ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि सीरिया के बारे में मास्कों के साथ वॉशिंग्टन तभी सहयोग करेगा जब सीरिया में मौजूद ईरानी सेना के सैन्य सलाहकार चले जाएंगे। जान बोल्टन के इस बयान पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लारोफ़ ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि, सीरिया में अवैध तरीक़े से मौजूद अमेरिका सहित सभी विदेशी सैनिकों को तुरंत सीरिया छोड़कर चला जाना चाहिए। सर्गेई लारोफ़ ने कहा कि सीरिया की क़ानूनी सरकार की अनुमति और निमंत्रण के बिना इसकी धरती पर मौजूद सभी विदेशी सैनिकों की उपस्थिति अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों के विरुद्ध है और इन सभी देशों के सैनिकों को सीरिया से निकल जाना चाहिए।
इस बीच रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रिबाकोफ़ ने कहा है कि अमेरिका की मुख्य परेशानी सीरिया में क़ानूनी तरीक़े से मौजूद ईरान, तुर्की और रूस कीरचनात्मक भूमिका है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को परेशानी इस बात पर है कि यह देश सीरिया में रचनात्मक भुमिका क्यों निभा रहे हैं? दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दी मित्री पेस्कोफ़ ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जान बोल्टन के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें उन्होंने कहा था कि रूस सीरिया में फंस कर रह गया है, दी मित्री पेस्कोफ़ ने कहा कि दुनिया जानती है कि किसने सीरिया से आतंकवादियों को मार भगाया है और कौन उनकी मदद कर रहा था? उन्होंने कहा कि रूस ने सीरिया को तकफ़ीरी आतंकवादी दाइश जैसे ख़ूंख़ार गुट से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिससे कोई इंकार नहीं कर सकता।