डाक्टर साहब – ये कौन सी भाषा में दवा का नाम लिखते है साहेब ?

जीतेन्द्र कुमार

कौशाम्बी। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मूरतगंज , जनपद – कौशाम्बी का डॉक्टरों द्वारा लिखा गया पर्चा चीख – चीख कर कहता है, कि मेरे ऊपर ये क्या जलेबी बनी है। क्यों सरकारी अस्पताल के डॉक्टर साहब ने मेरे ऊपर ऐसा बोझ लाद दिया है कि उसको खाली करना, कोई भी दवाखाना वाला नही चाहता है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर द्वारा लिखित दवा का पर्चा उनकी योग्यता पर काफी सवाल खड़े कर रहे है। स्वास्थ्य केन्द्र के पर्चे पर लिखी गयी दवा शायद ही किसी दवाखाने वाले को समझ आये । एमबीबीएस डिग्री धारक ये डॉक्टर अपनी लिखावट से पहचाने जाते है। वो लेखनी भी जबाब देने लगती है, जिससे इस तरह की लिखावट लिखी जाती है। दवा तो डाक्टर साहब की सिर्फ एक दुकानदार समझ पाता है और दूसरा कोई नहीं तो दवा वही से लेना पड़ता है. अब वह भले एक रुपया का माल दस रुपया में दे मगर डाक्टर साहब दवा ऐसे ही लिखते है.

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