रक्षाबंधन का त्योहार के चलते बाजारों में बढी रौनक

फारुख हुसैन

पलिया कलां खीरी। रक्षाबंधन का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे शहर तथा ग्रामीण इलाकों में राखियों की दुकानों में चहल-पहल बढ़ती ही जा रही है। जहां देखो वहां भाई-बहन के प्यार के त्योहार को लेकर खूब धूम है।जिसके कारण इस समय राखी की दुकानों में महिलाओं एवं युवतियों की खाशा भीड़ जुट रही है और साथ ही आभूषण की दुकानों पर चांदी की राखियां भी लोगों की खाश पसंद बनी हुई है। जिसकी कीमत पांच सौ रूपये से लेकर एक हजार रुपये तक है। इस त्योहार के मद्देनजर अच्छे ब्रांड के चाकलेट और पैकिंग मिठाइयों की दुकानों पर भी बिक्री के लिये खाशी भीड़ होने लगी है।

आपको बता दे कि इस समय रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर बाजारों में राखी की दुकानों पर खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ने लगी है। रक्षाबंधन के गीत भी बाजारों में बजते सुनाई देने लगे हैं। पलिया नगर सहित आसपास के क्षेत्रों की बाजारों में राखी की दुकानें सज गई हैं। इस पर महिलाओं और युवतियों की भीड़ जुट रही है और वह अपने दूर दराज के भाइयों और घर में ही रहने वाले भाइयों को भेजने के लिए सुंदर सुंदर राखियां पसंद कर रही है। समय के अनुसार ट्रेंड बदलता जा रहा है। पहले बड़े तथा फूलदार राखी भाईयों की कलाई की शोभा बढ़ाती थी। अब बदलते परिवेश में कम तथा पतले धागे से बनी राखियां खूब बिक रही हैं। बड़ी राखियों को कोई पसंद नहीं कर रहा है। इसलिए बहनें भी भाई की पसंद के अनुरूप राखी की खरीदारी कर रही है।

बाजार में दस रुपये से लेकर दो सौ पचास रुपये तक की राखी उपलब्ध है। समय के साथ राखी के डिजाइन में भी परिवर्तन हो गया है। अब रेशम के धागे से युक्त डिजाइनर राखियों की मांग अधिक है। इस समय क्षेत्रीय बाजारों में सादे नग की खूबसूरत डिजाइन वाली राखियों की मांग बनी हुई है। बच्चों के लिए मोटू-पतलू,स्पाइमैन जैसी कार्टून की राखियां उतारी गई है और साथ ही एल ई डी बल्ब लगी वाली राखियां भी खूब पंसद की जा रहीं हैं ।इसके साथ ही आभूषण की दुकानों पर चांदी की राखियों की भी खूब बिक्री हो रही है।जो का अलग-अलग वजन तथा डिजाइन के हिसाब से है और इनकी कीमत अलग अलग है। हालांकि हल्के वजन वाली नगों से बनाई गई राखियों को बहने पसंद कर रही है। कुछ घड़ी की डिजाइन वाली तो कुछ ब्रेसलेट वाली चांदी की राखियां दुकानों पर उपलब्ध है परंतु देखा जाये तो इनकी कीमत अधिक होने से बिक्री में भी काफी फर्क पड़ा है ।

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