जाने क्या है इस शिव मंदिर में जहा भक्तो की मनोकामनाये होती है पुर्ण
विकास राय
गाजीपुर. इस प्राचीन शिव मंदिर का अपने आप मे अलग पहचान है जो भी इस शिव मन्दिर पर आकर खुले मन से मन्नत मांगता है तो उसकी मुराद महादेव जी जरूर पूरा कर देते है। बताते चले की यह शिव मंदिर गाजीपुर जनपद के बाराचवर विकास खण्ड के मांटा मुहम्मदपुर खारा गांव मे स्थित है।इस शिव मंदिर के बारे में किवदंती है की मांटा गांव का गुड़ ब्यापारी सिद्धि कानू गुड़ लादकर बैल गाडी से बेचने जा रहा था उस समय यह पूरा क्षेत्र जंगल मे तब्दील था।उस ब्यापारी का बैल अचानक जंगल मे एक जगह पर बैठ गया तब ब्यापारी भी बहुत परेशान हो कर बैल के पास बैठ गया।
उस समय जंगल से आवाज आयी की इस जंगल मे जहा बैल बैठा है उसके करीब उत्तर दिशा मे शिव लिंग झाडी मे है उस शिव लिंग की पूजा पाठ नही हो रही है। तब वह ब्यापारी उस शिव लिंग को खोजते खोजते शिव लिंग के पास पहुच कर अनुनय विनय करने लगा और महादेव जी से कहा की जो मुझसे गलती हुई है उसे क्षमा किजिये मै बाजार से लौटकर आऊगा तो आपका भब्य मंदिर बनवाऊगां ।जब वह अपने बैल गाडी के पास आया तो बैल खुद उठ कर खडा हो गया था ।तब वह ब्यापारी अपनी बैल गाडी को लेकर बाजार चला गया और लौट कर अपने घर परिवार तथा गांव मे इस बात की चर्चा की ।लोग इस बात को मानने के लिये तैयार नही थे ।तब ब्यापारी ने अपने घर वालो और गांव वालो को लेकर उस जगंल मे पहुच कर उस स्थान पर पहुचा तो घर और गांव वाले उस शिव लिंग को देखकर दंग रह गये।
उसी दिन से उस शिव लिंग का पूजा पाठ करने लगे तथा वह गुड़ ब्यापारी दिन दूना रात चौगूना बढने लगा और देखते देखते उस ब्यापारी ने उस जगह पर भब्य शिव मन्दिर का निर्माण करा दिया। मन्दिर का निर्माण कार्य ज्यो पूरा हुआ त्यो उस ब्यापारी का ब्यापार और तेजी से बढने लगा। तब ब्यापारी ने अपना ब्यापार बलिया जनपद के रतसड मे जाकर शुरू कर दिया तथा कुछ दिनो बाद मांटा गांव से अपने पूरे परिवार के साथ जाकर वही बस गया मन्दिर के पूजारी आदिनाथ गिरी ने बताया की हर साल उस ब्यापारी का परिवार मंदिर पर आकर पूजा पाठ करता है।उस ब्यापारी के परिवार मे जब कोई नया बच्चा पैदा होता है तो उस बच्चे का मुडंन इस महादेव जी के मन्दिर पर होता है।सावन माह मे इस क्षेत्र का युवा हर सोमवार को गौसपुर घाट से गंगा जल लाकर महादेव जी का अरघा भरता है।और जब जब इस क्षेत्र मे सूखा पडता है लोग मन्नत मानकर गंगा जल लाकर महादेव जी का अरघा भरते है तो चौबीस घंटे के अन्दर जरूर पानी बरस जाता है।