पुलिस प्रशासन द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोलता, टीला लोनी बॉर्डर मार्ग

सरताज खान
गाजियाबाद। लोनी टिला शाहबाजपुर से लोनी बॉर्डर तक एक छोर से दूसरे छोर तक लगभग 5 किमी दूरी वाला पाइपलाइन मार्ग, जो सीधा देश की राजधानी दिल्ली को जोड़ता है। सावन माह में प्रतिवर्ष हरिद्वार से मुरादनगर होकर हरियाणा व राजस्थान आदि प्रांतों को जाने वाले शिवभक्त कावड़ियों की एक बड़ी संख्या इसी मार्ग से होकर जाती है। यही कारण है कि यहां से कवड़ियाओ के आने का सिलसिला समय से कुछ दिन पहले ही शुरू हो जाता है। जिनकी सेवा में उक्त पाइपलाइन मार्ग पर जहा अनेक श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह शिविर लगाकर कावड़ियों की सुख-सुविधा के लिए विभिन्न प्रकार के इंतजामात किए जाते हैं। वहीं पुलिस प्रशासन भी मार्ग की बदहाली दूर करने के लिए उसपर मिट्टी, खोरा आदि डालकर उसका जीणोद्धार करने के अलावा सुरक्षा की दृष्टि से भी अतिरिक्त इंतजाम करता है। हालांकि उसके इन प्रयासों में पूर्व की भांति इसबार भी अनेक खामियां नजर आई। जिसका दुखड़ा मार्ग पर वर्षों से शिविर संचालन करते आ रहे श्रद्धालुओं ने भी खुलकर रोया।

एक दर्जन से भी अधिक श्रद्धालुओं द्वारा किए गए शिविर संचालित

करीब 5 किमी दूरी वाले उक्त पाइप लाइन के रास्ते होकर आने वाले शिव भक्तों के लिए श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह लगाए गए एक दर्जन से भी अधिक शिविर उनके संचालकों की आस्था का नमूना पेश करते हैं। जहां शिवभक्त कावड़ियों के लिए उनके रुकने, नहाने- धोने, खाने-पीने व उपचार आदि के लिए विभिन्न प्रकार की व्यवस्था की गई है। मुख्य रूप से राजस्थान जाने वाले कांवड़ियों के मद्देनजर, जो समय से कुछ दिन पूर्व ही आने शुरू हो जाते हैं। उनकी सेवा के लिए यहां लगभग 10 शिवरों का संचालन शुरू कर दिया गया है। जबकि अभी अन्य और कई शिविरों का संचालन शुरू होना बाकी है। जिनमें थाना लोनी बॉर्डर के ठीक सामने नगर पालिका द्वारा स्थापित शिविर भी शामिल है। पालिका क्षेत्र के सभासदों की आस्था के प्रतीक उक्त शिविर का श्रीगणेश 2 अगस्त के दिन विभिन्न पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में नगर पालिका चेयरमैन श्रीमती रंजीता धामा के कर कमलों द्वारा संपन्न होना तय किया गया है। आस्थावान श्रद्धालुओं द्वारा आयोजित उक्त शिविरों में महालक्ष्मी बैंकट हॉल, उत्तरांचल कॉलोनी गली नंबर 7, बंद पाठक सैनी मार्केट, अंगद विहार कॉलोनी, अमर विहार कॉलोनी, जसवाल स्कूल अमित बिहार, गोविंद टाउन चौक, टिला शाहबाजपुर के सामने, ट्यूबवेल संख्या 7 के सामने टिला शहबाजपुर व जिंदल फैक्ट्री क्षेत्र के अलावा थाना लोनी बॉर्डर के पीछे टीटू दानिया व दो प्रेमी संस्था गोशाला द्वारा संचालित शिविर शामिल है।

मार्ग की उपेक्षाओं का हुआ खुलासा

पिछले लगभग 17-18 वर्षों से शिव भक्तों की सेवा में शिविर संचालित करते आ रहे बाबा सुभाष शर्मा ने संबंधित विभागीय अधिकारियों की कारगुजारी का खुलासा करते हुए बताया कि उक्त मार्ग की बदहाली के चलते वहां से पैदल आना-जाना किसी मुसीबत से कम नहीं है। पानी निकासी सुचारू न होने से नाली का गंदा पानी अकसर गड्ढा युक्त मार्ग पर भरा रहता है। ऐसे में बारिश के समय मार्ग की क्या हालत होती होगी.? अंदाजा लगाया जा सकता है। शर्मा ने बताया कि उक्त मार्ग का नाला रालोद मुखिया अजित सिंह ने कभी सन 2004 में बनवाया था। जिसकी आजतक किसी संबंधित विभाग द्वार रिपेयर तक नहीं कराई गई है। हालांकि कावड़ियों के मद्देनजर उप जिलाधिकारी (लोनी) द्वारा उक्त मार्ग की जर्जर हालत देखते हुए उसपर मिट्टी- खोरा डलवाते हुए आने जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई गई है। ताकि कावड़ियों के आने- जाने में बाधा उत्पन्न न हो सके जो नाकाफी है।

– 11 हजारी विद्युत पोल पर लिपटी पिन्नी खोल रही विभाग की पोल

यह बात जगजाहिर है कि विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते विद्युत पोलों में उतरे करंट की चपेट में आकर अनेक दर्दनाक हादसे हो चुके हैं। इसी के मद्देनजर मार्ग से गुजर रही 11 हजारी हाईटेंशन लाइन के दर्जनों पोलों पर पुलिस-प्रशासन द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से उनके चारों ओर पिन्नी लगाई गई है। जो वास्तव में विद्युत विभाग की कमजोर कार्यप्रणाली को दर्शाने के अलावा और कुछ भी नही है।

                                                    भक्तों के जयकारों की गूंज से सब कुछ होता जा रहा है शिवमय

मार्ग से होकर कतारों व गुटों में आने वाले पुरुष- महिला शिवभक्त कावड़ियों द्वारा भोले के नाम से लगाए जा रहे विभिन्न प्रकार के जयकारे व शिविरों में आयोजित भजन-कीर्तन के दौरान उनका भोले की भक्ति में मस्त होकर झूमना व नाचना सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जो कावड़ियों द्वारा लगाए जाने वाले जयकारों की लय में लय मिलाकर उनके रंग में रंग जाते हैं। जहां के माहौल को देखकर लगता है कि सब कुछ शिवमय हो गया हो।

 सुरक्षा तंत्र का नई कोई मंत्र

उक्त मार्ग से गुजरने वाले लाखों कावड़ियों कि कोई अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था देखने को नहीं मिली। यहां तक कि किसी असामाजिक तत्व पर नजर बनाए रखने हेतु मार्ग पर न ही कोई सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और न ही कोई अतिरिक्त अस्थाई पुलिस चौकी या पिकेट की व्यवस्था कराई गई है। जबकि सफाई कर्मी भी वहां से नदारद नजर आए।

                                                                                        बाजार रंगा केसरिया

सावन माह में कावड़ियों की जरुरत के अनुसार खासतौर पर उनके पहनने के कपड़ों को ध्यान में रखते हुए दुकानदारों ने अपनी दुकानें एक अलग ही अंदाज में सजाई हैं।
जहां केसरिया रंगों के कपड़ों से सजी उनकी दुकानों को देख लगता है मानो सारा बाजार केसरिया हो गया हो।
* हरियाणा व राजस्थान जाने वाले कावड़िया समय से कुछ दिन पहले ही आने लगते है मार्ग से।
* क्षेत्रीय श्रद्धालुओं द्वारा किए गए हैं एक दर्जन से भी अधिक शिविर आयोजित।
* बात यदि लोनी बॉर्डर थाने पर पहले से लगे सीसीटीवी कैमरे की छोड़ दे तो, पूरे मार्ग पर सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे का इंतजाम नहीं किया गया है।

टिल्ला मोड़ लोनी बॉर्डर मार्ग पर हजारों कावड़ियों के निकलने की सूचना मिली थी। इसके मद्देनजर मार्ग का निरीक्षण करते हुए वहां रास्ते पर अनेक स्थानों पर सड़क की जर्जर हालत को देखते हुए मिट्टी,खोरा डालते हुए उसका जीर्णोद्धार कराया गया है। साथ ही पुलिस को सुरक्षा की दृष्टि से विशेष इंतजाम बनाए रखने के लिए निर्देशित किया गया है। सत्येंद्र कुमार सिंह
उपजिलाधिकारी लोनी

सुरक्षा की दृष्टि से मार्ग के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात करने के साथ-साथ मोबाइल वेन लगाई गई है। तथा मार्ग पर आवागमन सुचारू बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस टीम लगाई गई है तथा जरूरत पड़ने पर महिला कांस्टेबल की विशेष व्यवस्था बनाकर रखी गई है
दुर्गेश कुमार
पुलिस क्षेत्राधिकारी लोनी

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