बाढ़ की रोकथाम व बाढ़ पीड़ितों की मदद को दिए गए हैं 46 करोड़ रुपए: योगी आदित्यनाथ
फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी। शुक्रवार की शाम से ही शारदा नगर क्षेत्र में अधिकारियों की चहलकदमी शुरू हो गई। इसके बाढ़ पीड़ितों को जैसे ही मुख्यमंत्री के आने की भनक लगी। उनके चहेरे खिल उठे। सुबह लगभग 12 बजकर 05 मिनट पर मुख्यमंत्री का उड़न खटोला शारदा बैराज हैलीपेड पर उतरा। इसके बाद जिले के सभी विधायक, संसद व पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस कार्य से पहुंचे थे उसकी शुरूआत की और उन्होंने पहले शारदा बैराज का निरक्षण किया। इसके बाद गाड़ी में सवार होकर सिचाई खण्ड दफ्तर पहुँचे। जहाँ उन्हे प्रशानिक अफसरों के साथ बाढ़ राहत कार्यो को लेकर समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिले के आला अधिकारियों को हिदायत दी, कि बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन अपनी कमर कस ले। बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद मिलनी चाहिये। इसके लिये पर्याप्त पैसा बाढ़ राहत कोष में है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कुछ बाढ़ पीढ़ितो को राहत सामिग्री भी बांटी।
वहीं मीडिया से मुखातिब होते हुए सीएम ने कहा कि पिछले 15 दिनों से हो रही बारिश से प्रदेश के लगभग 40 जिले बाढ़ की चपेट में है। जिसमे खीरी, सीतापुर, बहराइच, गोंडा शामिल है। इन सभी क्षेत्रों का दौरा कर आज हकीकत से वाकिफ हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक और सांसद द्वारा पहले ही बाढ़ की समस्या से अवगत करा दिया गया था। जिसके चलते सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए समय रहते सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि खीरी जिले को बाढ़ की रोकथाम व बाढ़ पीड़ितों की सहायता प्रदान करने के लिए पहले ही 46 करोड़ रुपए दिये जा चुके हैं।
जिससे बाढ़ पीड़ित को सहायता प्रदान करने के साथ ही बाढ़ की रोकथाम के प्रयास मे लगाया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हर बाढ़ पीड़ित तक शासन की मदद पहुंचेगी, इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। अधिकारियों द्वारा अगर किसी भी तरह की लापरवाही की गई तो उन पर कार्यवाही की जाएगी उन्होंने कहा कि वह खुद बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों पर नजर रखे हुए हैं। विधायक व सांसद समय-समय पर उनको रिपोर्ट देते हैं। अगर कहीं भी किसी तरह की लापरवाही की शिकायत पहुंची तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आने वाले समय में ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से ग्रामीणों को निजात मिल सके। कई परियोजनाओं पर काम शुरू भी हो गया