एआरटीओ दफ्तर की हकीकत देख नोडल अधिकारी का पारा चढ़ा
कुंवर सिंह
उरई। महानिरीक्षक निबंधन और उत्तर प्रदेश शासन की जनपद की नोडल अधिकारी मिनिस्ती एस. ने मंगलवार को सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय को गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण की सूचना पहले से होने के कारण दफ्तर में अडडा जमाये रहने वाले दलालों के फटटे तो आज हटवा दिये गये थे लेकिन फिर भी नोडल अधिकारी के सामने सीधे आने वाले जरूरत मंदों को चक्कर कटवाकर दलालों की शरण में पहुंचने के लिए मजबूर किये जाने की हकीकत उजागर हो ही गई।
शासन की नोडल अधिकारी मिनिस्ती एस. के निरीक्षण की सूचना के कारण आज परिवहन कार्यालय में सभी इंतजाम चाक-चैबंद दिखाने के लिए पूरा जोर लगा दिया गया था। लेकिन फिर भी कमियां सामने आने से न रह सकीं। मिनिस्ती एस. ने कार्यालय में पीने के पानी की कोई व्यवस्था न होने, टूटी बैंचों और रिकार्ड रूम में धूल के अंबार को देखकर एआरटीओ प्रशासन सोमलता यादव की ओर आंखे तरेरीं।
उन्होंने कहा कि इस दफ्तर में लोगों को काफी आना-जाना रहता है इसलिए यहां प्यास बुझाने के लिए आरओ की व्यवस्था, बैठने की समुचित व्यवस्था और साफ-सफाई होनी चाहिए। उन्होंने भवन में अपेक्षित मरम्मत न कराने पर भी नाराजगी प्रकट की।
मिनिस्ती एस. ने बाबुओं के पटल पर जाकर काम-काज परखा। कम्प्यूटर रूम की हालत देखी, साथ ही लाइसेंस के आवेदकों के वाहन चलाने के ट्रायल के लिए बने ट्रैक को भी देखा। इस दौरान उन्होंने दफ्तर में काम कराने वाले लोगों को बुलाकर उनसे बात की। कई लोगों ने शिकायत की कि वे कई बार दफ्तर में आ चुके हैं लेकिन कोई न कोई नुक्स निकालकर काम नही किया जा रहा है। इस पर उन्होंने सोमलता यादव से स्पष्टीकरण मांगा। एआरटीओ प्रशासन ने तमाम बहाने गिनाये। मिनिस्ती एस. ने कहा कि टाल-मटोल की बजाय रवैया सुधारा जाना चाहिए और लोगों से अनावश्यक चक्कर कटवाने की हरकत से बाज आया जाना चाहिए। नोडल अधिकारी के तेवरों से परिवहन अधिकारियों को पसीना छूट गया।
सिटी मजिस्ट्रेट पूनम निगम, एसडीएम सदर विकास कश्यप, एआरटीओ प्रवर्तन सर्वेश सिंह, जिला विकास अधिकारी मिथलेश सचान आदि भी निरीक्षण में उनके साथ रहे।