खेत जोतने के बाद ही जाएंगे वापस: धरनारत किसान

सरताज खान
गाजियाबाद। लोनी मंडोला आवास-विकास योजना से प्रभावित अपनी अधिकृत भूमि को जोतने की जिद पर अडिग किसानों को पुलिस प्रशासन द्वारा रोक देने के बाद वही धरने पर बैठे किसानों का आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। जहा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वहां अतिरिक्त पुलिस बल समेत आला अधिकारी तैनात हैं। बता दे कि आवास-विकास परिषद द्वारा मंडोला समेत छह गांव की अधिकृत भूमि के उचित मुआवजे की मांग को लेकर पिछले लगभग 22 माह से आंदोलन करते आ रहे किसानों का आरोप है कि इस दौरान प्रशासन द्वारा वार्ता करने के नाम पर उन्हें कई बार छला गया। और उनका शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न किया गया। इस तरह अनेक प्रयासों के बावजूद भी जब गांधीवाद तरीके से धरना- प्रदर्शन करते आ रहे किसानों की समस्या के समाधान हेतु सरकार द्वारा कोई सुध नहीं ली गई तो किसानों ने 14 अगस्त के दिन आवास-विकास द्वारा अपनी अधिकृत भूमि को ट्रैक्टरो द्वारा जोतकर उस पर पुन: कब्जा करने का निर्णय लिया था।

अपनी चेतावनीनुसार किसान नेता मनवीर तेवतिया की अगुवाई में खेत जोतने निकले किसानों को वहां भारी पुलिस बल व पीएससी समेत तैनात पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने उन्हें आवास-विकास द्वार पर ही रोक लिया था और और किसान वहीं धरने पर बैठ गए थे। जिनमें 11 किसानो ने आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लिया था। किसानों का कहना है कि जबतक वह अपनी भूमि जोतकर वापस अपना कब्जा नहीं कर लेते वह वहां से नहीं जाएंगे।

भारी पुलिस बल सहित तैनात है आला अधिकारी

किसानों द्वारा आवास- विकास गेट पर आमरण अनशन के लिए बैठ जाने के बाद पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी उनकी हर हरकत पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। तथा किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए वहां एसपीआरए एके मौर्या, सीओ दुर्गेश कुमार व तीनों स्थानों के एस एच ओ वहा अतिरिक्त पुलिस बल समेत अपनी नजर बनाए हुए हैं।

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