शव दफन करने को लेकर दो समुदाय आमने-सामने

यशपाल सिंहर
आजमगढ़-अहरौला थाना क्षेत्र के रेहड़ा गांव में मासूम बच्ची के शव को दफन करने को लेकर दो समुदाय के लोग एक दूसरे के आमने सामने आ गए। मौके पर पहुंचे एसडीएम व सीओ ने समझा बुझाकर मामले का हल निकाला। दो घंटे बाद बच्ची के शव को लोगों ने कब्रिस्तान में दफन किया।

अहरौला थाना क्षेत्र के कोतवालीपुर गांव निवासी मकबूल अहमद के परिवार में तीन दिन पूर्व पैदा हुई नवजात बच्ची की सोमवार को सुबह मौत हो गई। परिवार के लोग अपने बस्ती के लोगों के साथ उक्त बच्ची के शव को दोपहर को रेहड़ा गांव स्थित कब्रिस्तान में दफन करने के लिए जा रहे थे। कब्रिस्तान के अगल-बगल नाला है। रास्ता न होने के चलते वे गांव के ही धारी यादव के मकान के गेट के रास्ते से शव लेकर कब्रिस्तान पर ले जाने की बात पर अड़ गए। मामला बढ़ते ही दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। किसी ने इस मामले की सूचना फोन कर पुलिस व प्रशासन को दे दी। सूचना मिलते ही एसडीएम बूढ़नपुर इंद्रभान तिवारी, तहसीलदार अंबिका चौधरी, सीओ फूलपुर रविशंकर प्रसाद के साथ ही अहरौला समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों का कहना है कि दो वर्ष पूर्व भी धारी यादव के गेट के अंदर से ही शव ले जाने की बात को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। तत्कालीन एसडीएम ने उस दौरान एक पक्ष से इकरारनामा लिखवाया था कि वे कभी इस रास्ते से शव लेकर नहीं जाएंगे। एसडीएम व सीओ ने दोनों समुदाय के लोगों को समझा बुझाकर किसी तरह से शांत करा दिया। शाम चार बजे मृत बच्ची के शव को दूसरे रास्ते से ले जाकर लोगों ने कब्रिस्तान में दफन कर दिया। अहरौला थानाध्यक्ष अयोध्या तिवारी का कहना है कि ग्राम प्रधान कोलकाता गए हुए हैं। उनके आने के बाद पैमाइश कर रास्ता का निर्माण करा दिया

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