सोशल मीडिया पर वायरल होता फोटो कर रहा है सवाल – विश्वनाथ मंदिर सुरक्षा में चुक या फिर विशेष सुविधा
तारिक आज़मी
वाराणसी. सोशल मीडिया पर वाराणसी का एक फोटो वायरल हो रहा है जिसमे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजन अर्चन कर रहे है. यह फोटो विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह का है. जिसमे सरकारी अमले के अलावा विधायक और मंत्री नीलकंठ तिवारी भी दिखाई दे रहे है. जबकि विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह में कैमरा अथवा मोबाइल अथवा पर्स ले जाने की अनुमति नहीं है. यहाँ का फोटो पूर्णतः प्रतिबंधित है,
फोटो वायरल होते ही कई सवाल एक साथ खड़े हो गये. पहला सवाल यही था कि मुख्यमंत्री स्वयम तो नियमो को तोड़े नहीं होंगे और पिक भी कोई सेल्फी नहीं है यानि फोटो किसी और ने खीचा है. जब यह फोटो लिया जा रहा था तो मुख्यमंत्री पूजन अर्चना में व्यस्त थे जिससे उनका ध्यान इस तरफ जाना संभव नहीं नहीं मगर साथ में आये अन्य अल्मे ने इसके ऊपर ध्यान क्यों नहीं दिया ? कही ये सुरक्षा में चुक है अथवा व्यक्ति विशेष हेतु सुविधा. जबकि मान्यता है कि भगवन भोले के नज़र में सब एक समान है चाहे वह राजा हो अथवा रंक. उनके भक्त उनकी नज़र में एक समान है.
इस फोटो के वायरल होते ही विपक्ष हमलावर हो गया. इस सम्बन्ध में पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अजय राय ने अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुवे कहा है कि मुख्यमंत्री केवल यह बता दे कि मुख्यमंत्री के साथ गर्भ गृह में कैमरे का प्रवेश हो सकता है ? उन्होंने कहा कि 2019 में जनता अपने एक एक सवालो का जवाब लेगी और घमंड में जी रहे लोगो का घमंड चूर होगा. गर्भ गृह में कैमरे का प्रवेश एक बड़ी घटना है और मुख्यमन्त्री के साथ कैमरे का गर्भ गृह में प्रवेश हुआ है. बनारस की जनता मुख्यमंत्री से सवाल कर रही है कि क्या गर्भ गृह में उनके साथ कैमरा जा सकता है
कांग्रेसी नेता शैलेन्द्र सिंह ने इस सम्बन्ध में बात करते हुवे कहा है कि मुख्यमंत्री के सामने नियमो की धज्जिया उड़ाई गई और मुख्यमंत्री द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही दोषियों पर नही किया जाना एक बड़ा सवाल पैदा करता है. आखिर भाजपा क्या साबित करना चाहती है, बाबा भोलेनाथ के दर्शन को भी प्रचार का माध्यम बनाने के लिये गर्भ गृह में फोटो खिचवाना क्या प्रतिबंधित नहीं है. अथवा मुख्यमंत्री और भाजपाई मंत्रियो के लिये सब नियम अलग से बनाये गए है.