गंगा कावेरी एक्सप्रेस में करीब दो घंटे रहा डकैतों का आतंक, आखिर कहाँ थे सुरक्षा कर्मी..?
जितेद दिवेदी
चित्रकूट।गंगा कावेरी एक्सप्रेस नंबर 12669 रविवार की शाम को चेन्नई से पटना (विहार) जा रही थी। ट्रेन ने मानिकपुर जंक्शन से रात एक बजकर 5 मिनट में इलाहाबाद के लिए रवाना हुई। मानिकपुर थाना क्षेत्र के ही पनहाई रेलवे स्टेशन को पार करते ही करीब दो किमी. की दूरी पर आउटर में एक बजकर 27 मिनट में ड़कैतों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक दिया। ट्रेन के रूकते ही ड़कैतों ने असलहे, चाकू व छूरा लहराते हुए बोगियों में लूटपाट शुरू कर दी। करीब डेढ़ दर्जन बदमाशों ने ट्रेन की एस 3 से लेकर एस 9 तक की बोगियों में लूटपाट किया। यह सभी बोगियां आरक्षित वाली है। ट्रेन के गार्ड ने कई बार उतरकर चेन पुलिंग को सही किया और ट्रेन को आगे बढ़ाने की कोशिश की।
लेकिन ट्रेन के चलने का हार्न बजते ही ड़कैत चेन पुलिंग कर रोक देते रहे। आउटर पर ही ट्रेन एक घंटे 46 मिनट खड़ी रही। करीब पौने दो घंटे तक डकैतों ने यात्रियों से जमकर लूटपाट किया। विरोध करने पर बदमाशों ने करीब आधा दर्जन यात्रियों को चाकू, छूरा मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। महिलाओं के जेवर डकैतों ने उतरवा लिए। यात्रियों की नकदी समेत पूरा सामान लूट लिया। लूटपाट करने के बाद ड़कैत जंगल की ओर भाग निकले। इसके बाद ट्रेन भोर में तीन बजकर 13 मिनट पर इलाहाबाद के लिए रवाना हुई। घायल यात्रियों को इलाहाबाद में भर्ती कराया। ट्रेन के इलाहाबाद पहुंचने पर लूट की सूचना पुलिस को मिली। लूटपाट की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा, अपर एसपी बलवंत चौधरी, एसओ मानिकपुर केपी दुबे भारी पुलिस फोर्स के साथ भोर में ही मौके पर पहुंच गए। इसके बाद चित्रकूटधाम रेंज के डीआईजी मनोज तिवारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने रेलवे लाइन के किनारे दो बैग बरामद किए है। माना जा रहा है कि लूटपाट के दौरान ड़कैत यात्रियों के बैग छोंडकर भागे है। पुलिस ने डाग स्क्वायड के लिए लुटेरों की तलाश शुरू कर दी है। भोर से ही जंगल में पुलिस ने सर्च आपरेशन शुरू कर दिया है। आउटर के समीप ही जंगल में बसे कोटा कंदैला गांव के पत्रकार पुरवा में पुलिस टीम ने पहुंचकर जानकारी ली। अभी तक पुलिस को कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।
अब सवाल ये उठता है की जब लगभग एक घंटे 46 मिनट तक डकैतों ने ट्रेन रोक कर इस घटना को अंजाम दिया तब ट्रेन में तैनात सुरक्षा कर्मी कहाँ थे..?
या फिर इस ट्रेन में कोई सुरक्षा कर्मी तैनात ही नही था..?
आखिर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर इतनी लापरवाही क्यूँ..?