मऊ – शहादत-ए-इमाम हुसैन की याद में निकला जुलूस
आसिफ रिज़वी
मऊ। दसवीं मोहर्रम यानी शहादते इमामे हुसैन की याद में जुलूस निकाला गया। जिसमें अंजुमन बाबुल इल्म जाफरिया के मिमरानो ने नौहाख्वानी व सीनाजनी पेश की और जंजीर का मातम और इमाम हुसैन को फिर से पेश किया को पुरसा पेश किया।
दस मोहर्रम को आशूरा के दिन कर्बला के मैदान में हज़रते इमाम हुसैन ने 72 वफादार साथियो के साथ अपनी कुर्बानी देकर अपने नाना के दिन मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु वलय हे वसल्लम के दिन को बचाया, अल्लाह की सरियत को बचाया। हज़रत इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में जो पैगाम दिया वो रहती दुनिया तक बाकी रहेगा। इमाम हुसैन की सबसे बड़ी पहचान ये है की उन्होंने दुनिया के धर्मो को बचाया है मानवता को बचाया है। इस्लाम और मोहर्रम अमलो आमाल का पैगाम देता है।
रोके मखतल में कहती थी जैनब बया ए हुसैन अलविदा ए हुसैन अलविदा करते हुए अपने कदीमी रास्ते से होते हुए कर्बला पहुँचा। इस मौके पे मुख्य रूप से तजियेदार सैय्यद अली अंसर, मकसूद, इरफान, हैदर, आसिफ रिज़वी, शोएब, रिज़वी, मासूम, रज़ा आदि लोग मौजूद रहे।