तराई इलाको में बाढ़ का कहर जारी ग्रामीण पलायन करने को हुए मजबूर
फारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी। पलिया तहसील क्षेत्र में शारदा नदी ने तबाही मचा रखी है। क्षेत्र के जंगल नम्बर सात के ग्राम छंगा टांडा में शारदा नदी ने तेजी के साथ कटान शुरू कर रखा है। गांव से महज 50 मीटर की दूरी पर तांण्डव मचा रही शारदा नदी तेजी से गांव की ओर बढ़ रही है। अपनी बरबादी को इतने नजदीक से देखते हुए ग्रामीणों ने खून-पसीने की कमाई से बनाए अपने कीमती घरों को तोड़ना शुरू कर दिया है।
क्षेत्र के जंगल नम्बर सात के गांव छंगा टांडा के लगभग 15-20 ग्रामीणों ने अपने घरों को तोड़कर गांव से पलायन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ घंटे पहले शारदा नदी गांव से तकरीबन 200 मीटर की दूरी पर बह रही थी, लेकिन अब मात्र 50 मीटर की दूरी पर तेजी से कटान कर रही है। ग्रामीणों का मानना है कि कुछ ही देर में नदी गांव को अपने आगोश में ले लेगी। इधर ग्रामीण अपने घरों को तोड़कर मकानों का मलबा व अन्य सामान ट्रैक्टर-ट्रालियों पर लादकर अन्यत्र स्थानों पर ले जा रहे हैं और उधर उनके बच्चे भूंख से बिलबिला रहे है। लेकिन स्थानीय प्रशासन शारदा नदी द्वारा किए जा रहे कटान के मामले को सिरे से नकार रहा है।
तहसीलदार का कहना है कि वह दो बजे गांव में पहुंच गए थे और वहां का जायजा लिया था। शनिवार को तहसील प्रशासन ने ग्रामीणों में राहत सामग्री का वितरण कराया। आशंका जताई जा रही है कि तहसील प्रशासन की लापरवाही की वजह से कहीं जंगल नम्बर सात पूरी तरह से शारदा नदी में न समा जाए। तहसील प्रशासन की इसी प्रकार की लापरवाही एक बार सामने आ भी चुकी है। बीते वर्ष में तहसील क्षेत्र के ग्राम गोविन्दपुरी में बाढ़ की तबाही से ग्रामीण परेशान बरबाद होते रहे और तहसील प्रशासन कुम्भकर्णी नींद सोता रहा। आखिरकार वही हुआ जिसका ग्रामीणों को डर था। पूरे के पूरे मकान शारदा नदी की भेंट चढ़ गए थे। तहसील प्रशासन की ओर से फिर से एक बार उसी प्रकार से लापरवाही की पुनरावृत्ति की जा रही है, यदि गोविन्दपुरी के जैसी घटना जंगल नम्बर सात में भी घट गई तो आखिर इन गांवों की बरबादी का कौन जिम्मेदार होगा। नयापुरवा में भी शारदा नदी ने कहर बरपा रखा है। जिसके चलते लगभग एक माह पूर्व अशर्फी पुत्र छोटेलाल का पूरा घर शारदा नदी की भेंट चढ़ चुका है। जिसकी रिर्पोट भी प्रशासन बनाकर ले जा चुका है।
इसके अतिरिक्त गांव के निवासी सियाराम पुत्र मेवा लाल का आधा कच्चा घर शनिवार को शारदा नदी में कटान के चलते समा गया। बाकी भी अगली सुबह तक नदी में समा जाने की आशंका जताई जा रही है। तहसील प्रशासन के मुताबिक नयापुरवा में 70 पीडि़तों में राहत सामग्री का वितरण हुआ है। जबकि सूत्रों की माने तो शुक्रवार की शाम ग्राम प्रधान अवधेश कुमार गुप्ता के द्वारा किये गये वितरण के दौरान मची लूट में एक ही परिवार के तीन-तीन लोग राहत सामग्री ले गये। जिसके चलते कई लोग राहत सामग्री पाने से वंचित रह गये। वहीं श्रीनगर गांव की स्थित सही नही है। लोगों को आवागमन में खसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 50 पीडि़त परिवारों हेतु राहत सामग्री बंटवायी गयी। बाढ़ की समस्या को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो बार लखीमपुर जिले का दौरा कर बाढ़ का जायजा ले चुके हैं, और अधिकारियों को निर्देश भी दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारी बाढ़ की समस्या को गम्भीरता से नहीं ले रहे हैं।