आनापुर कोठी समेत 10 बंगलों का पुनर्ग्रहण

तारिक़ खान

इलाहाबाद : राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने आनापुर कोठी, गंगोत्री गार्डेन समेत शहर के 10 बंगलों का पुनर्र्गहण कर लिया है। लीज की अवधि समाप्त होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। इसी के साथ इन बंगलों में रहने या व्यवसाय करने वाले लोगों को कब्जा छोड़ने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। अब इन बंगलों की जगह स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, एमफी थिएयर, पार्किंग, खेल मैदान और कुछ विभागों के कार्यालय बनाए जाएंगे।

सिविल लाइंस और आसपास के इलाके में नजूल भूखंड पर आवासीय लीज के तहत बने बंगलों के पुनर्ग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही प्रशासन ने वहां नई योजनाओं को मूर्त रूप देने की योजना बना ली है। होटल यात्रिक के सामने 22 हजार वर्ग मीटर में बने जीजी-1 सिविल स्टेशन परिसर में मौजूदा समय महिला पालिटेक्निक संचालित हो रहा है। अब इसमें पार्किंग के अलावा नाइट मार्केट, एमपी थिएटर खोलने का प्रस्ताव है। इसी तरह जागृति हास्पीटल के बगल स्थित बंगला नंबर-129 सिविल स्टेशन में नगर निगम के वार्ड कार्यालय के अलावा कार्यशाला के लिए हॉल बनाए जाएंगे। 120-1/2 सिविल स्टेशन का उपयोग खेल के मैदान के लिए किया जाना है। इसी तरह 127- सिविल स्टेशन में स्पोर्ट्स कॉप्लेक्स विकसित किया जाएगा। अभिलेखों में चिकतपुर नसीबपुर बख्तियारा के नाम से दर्ज एजी ऑफिस चौराहे पर स्थित आनापुर कोठी का भी पुनर्र्गहण कर लिया गया है। इसमें एडीए के लिए आवासीय परिसर विकसित करने की योजना तैयार की गई है। बंगला नंबर-एच-1 सिविल स्टेशन, जो मौजूदा समय गंगोत्री गार्डेन के नाम से मशहूर है, उस परिसर का चयन पार्किंग स्थल के लिए किया गया है। बंगला नंबर-32 सी के परिसर में बस स्टैंड, बहुउद्देश्यीय खुले स्थान और वेंडिंग जोन विकसित किए जाएंगे। बंगला नंबर 139 और 139 भी का भी पुनर्र्गहण पार्किंग और बहुउद्देश्यीय खुले स्थान के लिए किया गया है। इसी तरह बंगला नंबर 112, 7 स्ट्रेजी रोड के परिसर में औद्योगिक न्यायाधिकरण एवं श्रम न्यायालय के कार्यालय के अलावा एडीए के बहुउद्देश्यीय भवन बनाए जाएंगे। इसी तरह इंट्रा म्यूनिसिपल लैंड के नाम से बने बंगले में सूचना विभाग कार्यालय के अलावा होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक, यूनानी अस्पताल, सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड और उद्यान विभाग की नर्सरी स्थापित करने का प्रस्ताव है।

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स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर के बीच नजूल भूखंड वाले 10 बंगलों का पुनर्र्गहण किया गया है। बंगलों को खाली करने के लिए नोटिस भी जारी कर दिया गया है। इन भूखंडों पर स्मार्ट सिटी के तहत कार्यालय, ऑडिटोरियम और अन्य निर्माण कराए जाएंगे। नजूल अधिनियम के तहत सरकार जब चाहे अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऐसे भूखंडों का पुनर्र्गहण कर सकती है। -सुहास एलवाई, जिलाधिकारी-इलाहाबाद।

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