स्वांस नली में संक्रमण के कारण एक बारह वर्षीय बालिका की मौत
फारूक हुसैन
खमरिया खीरी। थाना ईसानगर क्षेत्र में स्थित गोविन्द शुगर मिल द्वारा बीते सितम्बर माह में बरसाती पानी के साथ कच्चे पिटो में भरा गया शीरा तमोलीपुर गांव की तरफ बहा दिया गया था । जिससे फैले सक्रमण से तीन लोगों की मौत हो गई । मामला उठने के बाद ईसानगर थाने में मुकदमा दर्ज होने के साथ ही प्रदूषण विभाग ने जांचोपरांत कार्यवाही करते हुए जल सहमति समाप्त करते हुए पचास हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था ।वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा गांव वालों को सक्रमण से बचाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है
। लेकिन फिर भी प्रदूषण के कारण तमोलीपुर के शकुन्तला 55 , रतन 45 , लकी उर्फ आकाश 8 , मनोज 16 की बीते दिनो मौत हो जाने के बाद करीब बीस दिन पहले साँस नली में हुए संक्रमण के बाद मंगलवार की सुबह कक्षा सात की छात्रा सोनम 12 पुत्री बद्री प्रसाद की मौत हो गई । जबकि नीलम , रोशनी , बिट्टो , गोल्डी , शिवानी , पायल , रूद्र , कार्तिक , जूली , वन्दना सहित कई बच्चे व बुजुर्ग संक्रामक रोगों से ग्रस्त है । प्रसाशन द्वारा गांव वालों को इससे निजात दिलाने के लिए की जाने वाली कार्यवाही बौनी साबित हो रही है । जिससे ग्रामीणों में हो रही मौतों से मायूसी छाई हुई है।
सोनम के शव को नहलाते समय परिजनों को महसूस हुई सोनम की धड़कन,
परिजनों को जगी आस ,झाड़ फूंक के लिए अंतिम संस्कार रोका
खमरिया खीरी। तमोलीपुर गांव में गले मे संक्रमण होने की वजह से सांस लेने की दिक़्क़तों के दौरान मंगलवार की सुबह लगभग ढाई बजे सोनम की मौत हो गई।जिसकी सूचना परिजनों ने अपने रिश्तेदारों व पड़ोसियों को दे दी।जब सभी रिश्तेदार व ग्रामवासी के बीच पिता ने बताया लगभग एक बजे अंतिम संस्कार के सभी इंतजाम करने के बाद जब मृतक सोनम को स्नान करवाने लगे तभी अचानक उसका शरीर ढीला पड़ गया तथा मुँह में पानी डालने से उसके अंदर चला गया।जिससे पिता व रिश्तेदारों को सोनम के जीवित होने की शंका हुई।आशंका के दौरान पिता बद्री प्रसाद ने सोनम का अंतिम संस्कार रोक कर शव को घर मे ले जाकर एक कमरे में रख दिया। जहां सूचना मिलने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ वी के स्नेही ने डॉक्टरों की एक टीम डॉ अस्वनी कुमार,हसमत आरा,हिफिजुर्रहमान के साथ सोनम के घर जाकर जब जांच की तो उसके शरीर मे कोई हलचल न देखकर कई दौर की जांचोपरांत उसको मृतक घोषित कर दिया। फिर भी रूढ़िवाद के चलते पिता ने सोनम का अंतिम संस्कार न करके तंत्रविद्या से इलाज करवाने के लिए देर सायं तक शव को घर के कमरे में रख कर अंतिम संस्कार रोक दिया। समाचार लिखे जाने तक शव का अंतिम संस्कार नही किया गया था।