सिक्का न लेना बैंक मैनेजर और कोतवाल पर पडा भारी, दर्ज हुआ मुकदमा
अंजनी राय
आजमगढ़ : सिक्का नहीं लेने के मामले में एक उपभोक्ता ने काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक दुर्वासा शाखा के प्रबंधक व फूलपुर के तत्कालीन कोतवाल के खिलाफ गुरुवार को मुकदमा दर्ज कराया है। एसपी रविशंकर छबि ने पूछे जाने पर कहा कि कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले की जांच की जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने पर ही तत्कालीन कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अहरौला थाना क्षेत्र के भीमलपट्टी गांव निवासी दिलीप पुत्र प्रकट का कहना है कि उसका खाता दुर्वासा स्थित काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक की स्थानीय शाखा में है। बाजार में दुकान है। दुकान पर खरीदारी के दौरान ग्राहकों द्वारा छोटे-छोटे सिक्के दिए जाते हैं। वह 19 दिसंबर 2017 को जब उक्त बैंक की शाखा में रुपये जमा करने के लिए गया था तो बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने उसका सिक्का जमा करने से मना कर दिया। इतना ही नहीं बैंक प्रबंधक ने उसे धमकी भी दी की उसका खाता बंद कर दिया जाएगा। बैंक प्रबंधक ने जब सिक्का लेने से मना कर दिया तो वह 23 दिसंबर 2017 को जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देते हुए गुहार लगाई थी।
डीएम ने पीड़ित खाताधारक के प्रार्थना पत्र पर फूलपुर कोतवाल को बैंक प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने व उसका सिक्का जमा कराने का निर्देश दिया। डीएम के आदेश के बाद भी जब फूलपुर कोतवाल ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तो पीड़ित खाताधारक ने कोर्ट का सहारा लिया। कोर्ट ने इस मामले में तथ्य व परिस्थितियों को देखते हुए माना कि यह भारतीय मुद्रा की अवमानना का मामला है। भारतीय मुद्रा को अस्वीकार किया जाना देशद्रोह की प्रकृति का अपराध है। अदालत ने 27 अगस्त को काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक की शाखा दुर्वासा के तत्कालीन प्रबंधक फूलचंद्र राम व फूलपुर कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रामायन ¨सह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर फूलपुर कोतवाली पुलिस ने अंतत: पीड़ित खाताधारक की तहरीर पर गुरुवार को उक्त बैंक के तत्कालीन प्रबंधक व फूलपुर कोतवाली के तत्कालीन कोतवाल के खिलाफ धारा 504, 506 भादवी व 26(2) भारतीय मुद्रा अपमान एक्ट 1934 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। इस मुकदमे की जांच फूलपुर कोतवाल नागेश उपाध्याय को सौंपी गई है।