डीएम ने की धान खरीद की तैयारियों की समीक्षा, एफसीआई और पीसीएफ को कार्य प्रणाली प्रणाली में सुधार लाने की दी चेतावनी
अंजनी राय
बलिया : पहली नवम्बर से होने वाली धान खरीद की तैयारी की समीक्षा जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने बुधवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में की। उन्होंने सभी क्रय एजेंसियों व मिलरों को धान खरीद के सम्बंध में शासन की मंशा से अवगत कराया। कहा कि किसानों के लिए हरसम्भव सुविधा सरकार दे रही है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, इसके लिए जरूरी है कि विपणन, एफसीआई, पीसीएफ समेत सभी कार्य एजेन्सी व मिलर्स अपना कार्य सही ढंग से करें। विशेष रूप से एफसीआई और पीसीएफ के अधिकारियों को कार्य प्रणाली में सुधार लाने की हिदायत दी। क्रय केंद्र एजेंसियों से बारी-बारी से पूछताछ कर आश्वस्त हुए कि लक्ष्य के सापेक्ष खरीद तेजी से करेंगे और पूरी पारदर्शिता से करेंगे। क्रय एजेंसी नैफेड के किसी प्रतिनिधि के बैठक में नहीं आने पर नाराजगी जताई और पत्र भिजवाने को कहा।
जिलाधिकारी ने सख्त लहजे में कहा कि गेहूं खरीद वाली दशा धान खरीद में खरीद में नहीं होनी चाहिए। कई जगह अभिलेख सही ढंग से मेंटेन नहीं मिले थे। बड़ी मुश्किल से विपणन अधिकारी को कार्रवाई से बचाया गया। पीसीएफ अपनी लापरवाही से बाज आए। किसानों से समस्या को गंभीरता से ले, अन्यथा नौकरी से हाथ गंवाना पड़ेगा। कर्मचारी कल्याण निगम पिछले साल चार केंद्र थे, लेकिन अबकी बार 14 केंद्र खोलने का प्रस्ताव है। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी इच्छुक एजेंसियों को क्रय केंद्र खोलने की अनुमति दे दी जाए। बशर्ते कि यह देख लिया जाए कि वह पिछली बार अपने केंद्र पर लक्ष्य के सापेक्ष ठीक-ठाक खरीद किए हों और कोई खास शिकायत उनके सम्बन्ध में नहीं हो। बताया कि मिलरों को दिए जाने वाली प्रोत्साहन राशि अबकी बार 10 रुपये की जगह 20 रुपये प्रति कुंतल कर दी गई है।
सभी तहसीलदारों को सख्ती से सीएमआर वसूली करने के निर्देश
पिछले कई वर्षों से सीएमआर का बकाया के संबंध में जिलाधिकारी ने सभी तहसीलदार को निर्देश दिए कि अपने क्षेत्र के मिलरों से बकाया वसूली की कार्रवाई में तेजी लाएं। अगर किसी के पास स्टे आर्डर हो तो उसे स्वयं जरूर देख लेंगे। शासन की ओर से बकाया वसूली के लिए कड़े निर्देश प्राप्त हुए हैं। मिलरों ने बताया कि 2011 में आरसी जारी करने में भी कई विसंगतियां है। इस पर अपर जिलाधिकारी को इसकी बकायदा जांच कर लेने के साथ विसंगति होने की दशा में उसे दूर कराने को कहा। जैसे भी हो, बकाए को जल्द वसूली कराने की कार्रवाई करने को कहा।