मनमानी तफ्तीश पर सीजेएम ने लिया संज्ञान,चार्जशीट वापस, अदालत ने अतिरिक्त विवेचना का दिया आदेश
हरिशंकर सोनी
सुलतानपुर। घातक चोट पहुंचाने के मामले में मनमानी विवेचना कर पुलिस के जरिए दाखिल की गयी चार्जशीट को सीजेएम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। सीजेएम आशारानी सिंह ने अभियोजन पक्ष के विरोध पर पुलिस की चार्जशीट संज्ञान के पूर्व वापस करते हुए अतिरिक्त तफ्तीश का आदेश दिया है।
मामला लंभुआ थाना क्षेत्र के डकाही गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले रामजीत मिश्रा ने बीते 18 जून की घटना बताते हुए आरोपी बृजेश कुमार व उसके बेटे वैभव मिश्र निवासी मुरली के खिलाफ पुरानी मुकदमेंबाजी की रंजिश को लेकर लाठी-डंडो व धारदार हथियार से गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले में आरोपी बाप-बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया आैर तफ्तीश की।
मामले में विवेचक ने अपनी विवेचना पूरी कर आरोपी वैभव मिश्रा की नामजदगी गलत बताते हुए उसे क्लीन चिट दे दी,जबकि उसके पिता बृजेश मिश्र के खिलाफ मामूली धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया। दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान से पूर्व अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने पुलिस की तफ्तीश पर सवाल खड़ा करते हुए चार्जशीट को वापस कर अतिरिक्त विवेचना की मांग की और साथ मे कई अहम तथ्य भी पेश किए। सीजेएम आशारानी सिंह ने केस डायरी के अवलोकन व अभियोजन पक्ष के जरिए पेश किये गये तर्कों को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस की चार्जशीट को सही न मानते हुए बगैर संज्ञान लिए ही वापस कर दिया आैर मामले में अतिरिक्त विवेचना का आदेश दिया है।