फलहारी बाबा के सानिध्य में हनुमत यज्ञ संपन्न
विकास राय
गाजीपुर. अयोध्या से पधारे मानस मर्मज्ञ .भागवतवेत्ता महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 श्री शिव राम दास फलहारी बाबा के सानिध्य मे आयोजित हनुमत् यज्ञ फिरोजपुर रसडा में बडा ही धुम धाम और श्रद्धा उत्साह के साथ 15 से 20 नवम्बर को सुसम्पन्न हुआ। नौमी के दिन विराट धर्म मंच से फलहारी बाबा ने कहा कि राम राज्य की स्थापना राजगद्दी के माध्यम से नहीं ब्यासगदी के द्वारा ही संभव है। चक्रवर्ती सम्राट दशरथ जी के द्वारा नही वल्कि गुरू वशिष्ठ जी के द्वारा राम का राज्याभिषेक हुआ था।
फलहारी बाबा ने रसडा बिधायक उमाशंकर सिंह के बारे में कहा की जैसा सुना था उससे भी ज्यादा आज मै प्रत्यक्ष देख रहा हूं। सज्जनता. शिष्टाचार. की जिवन्त प्रतिमुर्ती है उमाशंकर सिंह। आज के समय में एक छोटा सा भी पद पाने के बाद उस ब्यक्ति में बदलाव आ जाता है लेकिन रसडा बिधायक इस कार्यक्रम में उपस्थित होने के बावजूद पूरे समय खडे रहे इससे ज्यादा संतो की धरती पर रसडा में एक संत का सम्मान और क्या हो सकता है। फलहारी बाबा ने ब्यासपीठ से रसडा बिधायक के लिए शुभाशिर्वाद और शुभकामनाएं ब्यक्त की।
कथा के विराम दिवस पर रसडा विधायक कन्यादान की दुनिया का भामाशाह उमा शंकर सिंह के द्वारा ब्यासपीठ पर विराजमान फलहारी बाबा तथा सभी उपस्थित साधु संतो को चादर ओढा कर सम्मानित किया गया। अपने संबोधन में विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा की सन्त ही सदैव इस देश और समाज को सही रास्ता दिखाने का कार्य करते है। सन्त का तो प्राकट्य ही समाज को सही दिशा एवम सन्मार्ग दिखाने एवं बताने के लिए होता है। हर युग एवम काल में संतो की भूमिका सराहनीय एवम अनुकरणीय रही है।
रसडा की धरती का तो पावन इतिहास ही संतो महात्माओं के साथ जुडा है। आज इस धरती पर फलहारी बाबा जैसे सन्त का आगमन भी निश्चित रूप से उसी कडी में है। इस मौके पर यज्ञाचार्य हरीश चन्द्र पाण्डे व सहयोगी आचार्य के वैदिक मंत्रों से तथा यज्ञ शाला परिक्रमा करने वाले भक्तों के जयधोष से उल्लास और भक्ति का वातावरण बना रहा। पूरा क्षेत्र धर्ममय हो गया था। इस अवसर पर भण्डारें का भी आयोजन किया गया।
यज्ञ के मुख्य यजमान पिन्टू प्रधान, अशोक तिवारी, गुलाब नेता, दीपक तिवारी छात्र नेता अजीत तिवारी, अशोक तिवारी, विद्यासागर तिवारी, बृजनाथ तिवारी, पिंटु राजभर, सुर्यप्रकाश शर्मा, सतीश तिवारी, अजीत तिवारी, मन्नु तिवारी, सोनू तिवारी, धुरेन्ध्र तिवारी, कमला कान्त तिवारी, दीपक तिवारी, सियाराम यादव, गौतम ठाकुर, अंजनी शर्मा, राजनारायण शर्मा, बेचू राजभर, हृदय राजभर, विपेन्द्र राजभर, श्याम सुन्दर राजभर समेत हजारो की संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।