वो समय दूर नही देश किसान विरोधी नरेंद्र मोदी के नारों से गूंजेगा – दिनेश गुर्जर
सरताज खान
गाजियाबाद। लोनी मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए बुधवार को समाजवादी लोहियावाहिनी के राष्ट्रीय सचिव दिनेश गुर्जर ने कहा कि हरिद्वार से दिल्ली के लिए निकली किसान क्रांति यात्रा को दिल्ली आने से रोकने के लिए दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और पानी कैनन के इस्तेमाल को लेकर शर्मनाक बताया है।
दिनेश गुर्जर ने कहा विश्व अहिंसा दिवस पर बीजेपी का दो-वर्षीय गांधी जयंती समारोह शांतिपूर्वक दिल्ली आ रहे किसानों की बर्बर पिटाई से शुरू हुआ।अब किसान देश की राजधानी आकर अपना दर्द भी नहीं सुना सकते।समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव दिनेश गुर्जर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिल्ली सल्तनत के बादशाह’ की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि जब चंद उद्योगपतियों के चार लाख करोड़ रुपये माफ किए जा सकते हैं तो देश के अन्नदाताओं के कर्ज माफ क्यों नहीं हो सकते।
दिनेश गुर्जर ने कहा, मोदी जी, सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर आपके द्वार आए।अगर महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात किया होता तो किसानों को बर्बरतापूर्वक लाठियां नहीं, उनकी मांगों की सौगात दी होती। वह समय दूर नहीं जब पूरा देश किसान विरोधी-नरेंद्र मोदी’ के नारों से गूंजेगा.।उन्होंने कहा, क्या भारत के किसान दिल्ली आकर अपनी पीड़ा नहीं बता सकते? क्या किसान प्रधानमंत्री से यह नहीं पूछ सकते कि एमएसपी पर आपका वादा जुमला क्यों साबित हो गया?
दिनेश गुर्जर ने कहा, प्रधानमंत्री जी, आप एक तानाशाह और दिल्ली सल्तनत के बादशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं। जो बादशाह किसानों की पीड़ा नहीं सुन सकता, उसे पद पर एक दिन भी बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, अगर मोदी सरकार चार साल में 3.16 लाख करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाल सकती है तो फिर देश के 62 करोड़ लोगों का दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ क्यों नहीं कर सकती।
सपा लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव दिनेश गुर्जर ने कहाकि जो किसान पूरे देश को सस्ते दामों पर अनाज उपलब्ध करवाते हैं उन पर पानी की बौछारे की जाए या लाठियों से पीटा जाये ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।आज हुए लोकतत्रं का पहले स्तंभ अन्नदाता किसानों पर बर्बरतापूर्वक किया गया लाठीचार्ज व आंसू गैस के गोले से पीड़ित किसान। वो किसान जो सरकार की बेदर्दी पुलिस की लाठियों से घायल हो गए। क्या यही न्याय है भारत के अन्नदाताओं के लिए। वो हरिद्वार से चलकर अपने लिए न्याय मांगने आये थे।। इस सरकार ने आज अंहिसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर उनके ही सवसे प्यारे अन्नदाता किसानों पर लाठीचार्ज कर बापू जी की आत्मा को ठेस पहुंचाई है। वो किसान किसी का घर या किसी को ठगने नही आये थे।अब भारत के किसानों, दलितों व अन्य प्रताणित समाज को जागना होगा। और इस निर्दयी सरकार को उखाड़ फ़ैंकना होगा।