कप्तान के संज्ञान पर कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली एक बार फिर उजागर हुई
हल्की धाराओं में दर्ज मुकदमा 307 में तरमीम
सरताज खान
गाजियाबाद। लोनी हल्की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही करने वाले विवेचक की कार्यप्रणाली से नाराज पीड़ित पक्ष ने मामले में एसएसपी को लिखित शिकायती पत्र दिया था। जिन्होंने प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए सेक्शन धारा (ए) 323, 506, 75 के अंतर्गत कोतवाली में दर्ज मुकदमे को धारा 307 में तरमीन करने के आदेश कर दिए हैं।
गौरतलब हो कि विगत 7 जुलाई के दिन अहमदनगर, अशोक विहार कॉलोनी में रहने वाला 12 वर्षीय जाहिद पुत्र स्वर्गीय अलीशेर कॉलोनी में ही स्थित रहिसु नामक व्यक्ति की गद्दे बनाने वाली फैक्ट्री में काम करने के लिए गया था। जहां काम करने वाले एक कारीगर शौकीन का किसी ने मोबाइल चुरा लिया था। जिसकी चोरी के शक में शौकीन व उसके अन्य तीन साथियों ने जाहिद के हाथ-पैर बांधकर उसे पंखे से लटका दिया था तथा उसकी बैल्ट व लाठी डंडों द्वारा बेरहमी से पिटाई कर दी थी जिसकी चीख-पुकार की आवाज सुनकर पड़ोसियों ने किसी तरह उसे बचा लिया था। हालांकि इस दौरान मारपीट करने वालों ने उसे जान से मार देने की धमकी दी थी।
पीड़ित ने लगाया था हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आरोप
घटना के मामले में पीड़ित के भाई शहजाद ने अपने भाई को जान से मारने की नियत से मारपीट करने वाले शौकीन व उसके अन्य तीन साथियों के विरुध्द थाने पर लिखित तहरीर दी थी। जिसका आरोप है कि विवेचक ने अपने किसी निजी स्वार्थ के चलते मुकदमा धारा 307 के तहत पंजीकृत न करा हल्की धाराओं में दर्ज करा दिया और कार्यवाही करते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया। जबकि वह मुकदमे को धारा 307 में तरमीन कराने हेतु विवेचक के लगातार चक्कर काटता रहा।
एसएसपी ने किया न्याय
घटना के मामले में विवेचक द्वारा कोई न्याय संगत सुनवाई नहीं किए जाने पर पीड़ित शहजाद ने आखिर 27 अगस्त के दिन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की शरण ली थी। जिन्होंने प्रकरण का संज्ञान लेते हुए उक्त घटना के अनुरूप मुकदमे को धारा 307 के अंतर्गत तरमीन करने के आदेश कर दिए हैं। पीड़ित ने एसएसपी की इस कार्रवाई को न्याय संगत करार देते हुए संतोष जाहिर किया है।
– 12 वर्षीय लड़के के हाथ-पैर बांधकर पंखे से लटकाकर की थी मारपीट।
– विवेचक की कार्यप्रणाली के चलते थाने पर हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का लगा था आरोप।
– पीड़ित की गुहार पर एसएसपी ने दिए मुकदमा धारा 307 में तरमीन करने का आदेश।