बाहुबली राजा भैया ने बनाया अपनी पार्टी जनसत्ता दल, लड़ेगी 80 सीट पर लोकसभा का चुनाव
शाहरुख़ खान
लखनऊ. कुंडा के बाहुबली निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) भी निकल चुके हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की कवायद शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश के कुंडा से बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में ताल ठोकने का मन बना चुके हैं। सोमवार को उनकी पार्टी का ऐलान हो चुका है। राजा भैया की पार्टी का नाम ‘जनसत्ता दल’ है। उनकी पार्टी का अधिकृत झंडा भी जारी कर दिया गया है। झंडे में पीले और हरे रंग का इस्तेमाल किया गया है। बीच में राजा भैया की तस्वीर लगाई गई है। माना जा रहा है कि अगले साल होने जा रहे आम चुनाव में राजा भैया राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अपनी पार्टी का प्रत्याशी उतारेंगे।
समाजवादी पार्टी (सपा) के बागी नेता और मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव अलग पार्टी बना चुके हैं। उनकी बीजेपी से बढ़ती नजदीकियां राजनीति के अलग समीकरण की कहानी बयां कर रही हैं। इतना ही नहीं, उनकी हर चाल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के माथे पर बल पैदा कर रही है। उनके नक्शेकदम पर चलते हुए सोमवार को राजा भैया ने भी अपनी पार्टी का ऐलान कर दिया है। उनकी पार्टी का झंडा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। झंडे के रंगों की बात करें तो इसमें दो रंगों (पीले और हरे) का इस्तेमाल किया गया है। झंडे में पीले रंग का इस्तेमाल ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी करती है। साफ है कि सभी वर्गों के लोगों को साधने के लिए इस रंग का इस्तेमाल किया गया है। हरे रंग की बात करें तो हो सकता है कि एक वर्ग विशेष को ध्यान में रखते हुए इस रंग को झंडे में महत्व दिया गया हो।
कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया ने अपने करीबियों से मशविरा करने के बाद नई पार्टी का नाम ‘जनसत्ता दल’ रखने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद राजा भैया के करीबी और राजनीतिक सलाहकार कैलाशनाथ ओझा ने चुनाव आयोग के पास पार्टी के पंजीकरण के लिए नामांकन भी किया है। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया की नई पार्टी का अधिकृत झंडा जारी हो गया है। इस झंडे में पीला और हरा रंग दिया गया है और इसमें बीच में राजा भैया की तस्वीर लगी है। राजा भैया के करीबी और राजनीतिक सलाहकार कैलाशनाथ ओझा ने पार्टी के रजिस्ट्रेशन को लेकर चुनाव आयोग में आवेदन भी किया है।
गौरतलब है कि 30 नवंबर को राजा भैया लखनऊ में शक्ति प्रदर्शन के तौर पर रैली करने जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस मौके पर अन्य पार्टियों के कई बड़े नेता उनका हाथ थाम सकते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो 2019 के रण में जहां एक ओर बीजेपी है तो दूसरी ओर विपक्षी एकता के नाम पर राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती एक साथ महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। ऐसे में शिवपाल यादव और राजा भैया के लिए चुनावी मैदान में खुद को साबित करना किसी चुनौती से हरगिज कम नहीं होगा।