मऊ – गाँधी जयंती पर जिलाधिकारी के अध्यक्षता में आयोजित हुई गोष्ठी
संजय ठाकुर
मऊ : 02 अक्टूबर गांधी जयन्ती पर प्रातः 08:00 बजे कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी प्रकाश बिन्दु द्वारा झण्ड़ारोहण किया गया और गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इसके पश्चात कलेक्ट्रेट में आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए। जिलाधिकारी ने कहा कि गांधी जी के आदर्शाे के एक तिहाई भी अगर हम अपने जीवन में उतार लें तो महापुरूषो के लिए हम निश्चित रूप से आगे बढ़ सकते हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि अपने-अपने पदीय दायित्वों की पूर्ति में यदि अपने कार्याे को निष्पादन सही ठंग से करें तो निश्चित रूप से हमें किसी भी कठिनाइयों का सामना नही करना पडेगा। जिलाधिकारी ने लाल बहादुर शास्त्री की सादगी को अपने जीवन में उतारने की सलाह दी। उक्त अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा महात्मा गांधी जी के जीवन के बारे में बताया गया कि यह एक महान पुरूष थे इनका जन्म सन् 02 अक्टूर,1869 में गुजरात के पोरबंदर क्षेत्र में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गाधी और माता का नाम पुतलीबाई था। उनका विवाह 13 वर्ष की उम्र में कस्तुरबा गांधी से हो गया था। उन्होने सन् 1887 में मेट्रिक की परीक्षा उत्र्तीण कर ली थी और जनवरी सन 1888 में उन्होने भावनगर के सामलदास कालेज में दाखिला लिया था और यहाॅ से डिग्री प्राप्त की, इसके बाद वे लंदन गये और वहाॅ बेरिस्टर बनकर लौटे, तथा बताया गया कि महात्मा गांधी जी ने हमारे देश को आजाद कराने के लिए बहुत सारी लडाइयां लडी जिसमें सन् 1920 में असहयोग आन्दोलन, 1930 में सविनय अवज्ञा अन्दोलन, 1942 में भारत छोडो आन्दोलन आदि लडाइयां लड कर हमारे देश को आजाद कराया। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि गांधी जी रविन्द्र नाथ टैगोर जी को आदर्श मानते थें। और वे ही गांधी जी को महात्मां की उपाधि दिये थे। एवं राष्ट्र पिता की उपाधि सुबाष चन्द्र बोश ने दिया था।
अपर जिलाधिकारी डी0पी0 पाल द्वारा गांधी जी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर प्रकाश डाला गया तथा दोनो महापुरूषो के जीवन को याद किया।
उक्त अवसर पर मेरी सीटी इण्टर कालेज के बच्चियो द्वारा गांधी जयन्ती के अवसर पर गीत प्रस्तुत किया गया तथा जिलाधिकारी द्वारा बच्चियो को पुरस्कार प्रदान किया गया।
उक्त अवसर पर अपर जिलाधिकारी डी0पी0 पाल, समाज कल्याण अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी सहित सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।