इंदारा का ऐतिहासिक रामलीला की शूरूआत आज से
कमलेश कुमार
अदरी(मऊ) रामलीला की तैयारियों को लेकर रामलीला कमेटी के सदस्यों नें तैयारियों को पूर्ण कर लिया है। इंदारा रामलीला कमेटी के अध्यक्ष राणा प्रताप यादव ने बताया कि यहां पर 14 अक्टूबर से इंदारा का ऐतिहासिक रामलीला का शुरुआत हो रहा है। इंदारा के रामलीला की एक अलग पहचान है। यहाँ पर मथुरा धाम से चल कर आ रहे प्रसिद्ध तरूणामई श्री धाम वरषाना ऐतिहासिक रामलीला की एक अलग ही पहचान है। इसे सर्वश्रेष्ठ के शिखर पर बनाए रखने के लिए अपनी ओर से पूरी तैयारियां पूर्ण कर लिया गया है।
इस बार साउंड म्यूजिक एवं लाइट पर खास तवज्जो दी जाएगी। इसे देखने के लिए क्षेत्र के इंदारा, कसारा, महुआर, रईसा, अदरी, शाहपुर, अलीनगर, बाड़ा, शेखपुर, कटंवास, खालिसपुर, सहित दर्जनों गावों के लोगों को नवरात्र की बेसब्री से प्रतीक्षा करते है। रामलीला की शुरुआत मथुरा वृंदावन के रासधारियों से होगी। वृंदावन से रामलीला करने वाली 15-20 कलाकारों की टोली यहा आयी है। स्थानीय लोगों ने आपस में विचार-विमर्श कर रामलीला का मंचन के लिए पैसे इकट्ठा करने की मुहिम चलाकर चंदा इकट्ठा किया है। जिसमें क्षेत्रवासियों ने दिल खोलकर दान किया। दान में मिली राशि से रामलीला में इस बार खासी अच्छी व्यवस्था की जा रही है। दर्शकों को बैठने की उचित व्यवस्था, लाईट की समुचित व्यवस्था आदि रामलीला मे लिलाओं जैसे राजा-महाराजाओं के लिए अलग-अलग महल बनाए जाते है जिसके चारों तरफ दर्शकों की अपार भीड़ जुटी रहती है।
सीता जन्म में जमीन के नीचे से माता सीता का मिलना, सीता स्वयंवर, राम वनवास, प्रस्तुत करना, बाली-सुग्रीव युद्ध के दौरान एक तीर से सात पेड़ों को गिराना, हनुमान का दो सौ मीटर की दूरी से तार पर संजीवनी बूटी लाना आदि झांकियो के लिए आकर्षक रूप दिया गया है। इसे बेहतर बनाने के लिए कमेटी के सदस्य सुनील सिंह, संजय गुप्ता, रवि गुप्ता, प्रवीण वर्मा, राधेश्याम यादव, नरसिंह यादव, टाई मोर्या, लालपत सिंह राणा, कमलेश चौहान आदि नें दिन- रात मेहनत किये है।