महंगे हुए रंग, मगर घर तो सजाना ही है

कमलेश कुमार

अदरी (मऊ). दीवाली आने वाली है। घर तो सजाना ही है। मौका और दस्तूर देख पेंट कंपनियों ने व्यापक रेंज बाजार में उतार दी है। कंप्यूटराइज्ड रंगों की मिक्सिंग से हाथोंहाथ मनपसंद रंग तैयार कर ग्राहको को दिए जा रहे हैं। और हां, बाजार में महंगाई भले ही हो। मगर रंग तो बहुत निखर रहा है।

दीवाली को कुछ ही दिन शेष हैं। ऐसे में हर कोई अपने घर, दुकान, प्रतिष्ठान को सजाने में जुटा है। तरह-तरह के महंगे पेंट के माध्यम से आकर्षक रूप दिया जा रहा है। हर कंपनी ग्राहक को कलर की गारंटी दे रही है। दुकानदारों के मुताबिक, लोग इस बार ईको फ्रेंडली व हल्के रंगों को तरजीह दे रहे हैं। तीन से चार वर्षों तक दीवार पर टिके रहने की उम्मीद में ग्राहक प्लास्टिक पेंट को भी पसंद कर रहे हैं। प्लास्टिक पेंट्स में कंप्यूटराइज्ड कलर्स चुनने का भी विकल्प है।

ब्रांडेड कंपनियों के साथ स्थानीय स्तर पर तैयार किए गए रंग भी बाजार में अपनी पकड़ बनाए हुए हैं। ग्राहकों की पसंद के रंग की उपलब्धता के लिए अब मिक्सिंग मशीनों का भी प्रयोग किया जा रहा है। बढ़ी है महंगाई पेंट और रंग के कारोबारी मोनू कुमार का कहना है कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार हर कंपनी ने 10 से 15 रुपये तक दाम बढ़ाए हैं। ब्रांडेड कंपनियों के रंगों की खास डिमांड है। ज्यादातर लोग मिक्सिंग रंगों की मांग कर रहे हैं जिनकी कीमत 700 से एक हजार रुपये प्रति लीटर तक है। बिल के नाम पर सादा कागज पेंट की दुकानों पर ग्राहकों को पक्का बिल नहीं दिया जा रहा है। जब ग्राहक बिल मांगता उसे कच्चा पर्चा ही थमा दिया जा रहा है।

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