माँ बाप से मिलने के लिये शहीद सब इस्पेक्टर इम्तियाज़ ने कटवा लिया था दाढ़ी ताकि पहचान न सके आतंकी
अनीला आज़मी
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में रविवार को आतंकियों ने सीआईडी में सब-इंस्पेक्टर इम्तियाज अहमद मीर (30) को मार डाला। इम्तियाज छुट्टी लेकर माता-पिता से मिलने घर जा रहे थे। आतंकी उन्हें पहचान न पाएं, इसके लिए इम्तियाज ने दाढ़ी कटा ली थी। लेकिन बच निकलने में वह नाकाम रहे। यह बात इम्तियाज के साथियों ने बताई है। मीर को चेतावनी दी गई थी कि घर जाते वक्त उन पर आतंकी हमला हो सकता है।
एक अफसर ने बताया- “मैंने कहा था कि तुम्हें (इम्तियाज को) घर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि हमला हो सकता है। लेकिन वह सोंटाबुग में रहने वाले माता-पिता से मिलने के लिए उतावला था।” सोंटाबुग, पुलवामा के अंदरूनी इलाके में स्थित एक गांव है। अफसर ने यह भी बताया कि रविवार सुबह जब इम्तियाज घर के लिए निकला तो वह मेरे पास पूरी तरह से बदले लुक में आया। उसने दाढ़ी कटा ली थी। साथ ही उसने अपनी निजी गाड़ी से गांव जाने का फैसला किया। घर रवाना होने के पहले मीर के अंतिम शब्द थे- “अब वे (आतंकी) मुझे नहीं पहचान पाएंगे।”
इम्तियाज 2010 बैच के सब-इंस्पेक्टर थे। उनके पिता भी पुलिस अफसर थे। पांच साल वह गांदेरबल में तैनात रहे। पिछले साल उनका तबादला कुलगाम जिले में हुआ। इसी साल मार्च में उन्हें सीआईडी में तैनात किया गया। कश्मीर में आतंकी पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहे हैं। पिछले महीने आतंकियों ने दो स्पेशल पुलिस अफसर और कॉन्स्टेबल को मार गिराया था। इसके चलते कुछ अफसरों समेत कई कॉन्स्टेबलों ने सोशल मीडिया पर इस्तीफा दे दिया था। कुछ आतंकियों ने दावा किया था कि मीर ने भी इस्तीफा दिया था।
इम्तियाज के पार्थिव शरीर को पुलवामा लाया गया। इम्तियाज के शव को ढूंढने के लिए पुलिस टीम जब वाहीबुग में सर्च ऑपरेशन चला रही थी, तब कुछ लोगों ने पथराव किया। इस बात की भी जांच की जा रही है कि इम्तियाज के घर जाने की जानकारी आतंकियों को कैसे मिली ?
साभार वर्ल्ड मीडिया टाइम्स