दशहरा सत्य की विजय का प्रतीक पर्व

अज़ीम क़ुरैशी संवाददाता नूरपुर ।

नूरपुर। दशहरा अश्विनी मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता हे भागवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था इसी पर्व को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है इस लिए इस दशमी को विजय दशमी के रूप मे जाना जाता है ओर इसी पर्व के दिन लोग नया कार्य प्रारंभ करते हैं प्राचीन काल मे राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण यात्रा के लिए प्रसथान करते थे नगर मे श्री राम कथा का आयोजन कर सुंदर सुंदर फूल मालाओ से सुसज्जित किया गया जिस मे बालिकाओं ने झांकियो मे वेश धारण कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया नगर मे जगह जगह मेले भी लगाएँ गए ओर राम लीला स्थान पर रावण का विशाल पुतला बना कर श्री राम कथा संपन्न होने के बाद देर शाम उस को जलाया गया ओर नगर वासियो ने दशहरा एव विजय दशमी भगवान श्री राम की विजय के रूप मे मनाया समिति सदस्य ने बताया की व्यक्ति ओर समाज के रक्त मे वीरता प्रकट हो इस लिए दशहरे का उतसव। रखा गया है उनहोने बताया की दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापो काम क्रोध लोभ मोह मद मत्सर अहंकार आलस्य हिंसा ओर चोरी के प्रित्याग की सद्प्रेणना प्रदान करता हे इस अवसर पर नगर मे देखने आए श्री राम कथा को ग्रामीण क्षेत्र से लोगों की काफी भीड़ दिखाई दी जहाँ लोगों ने रावण का दहन कर मेले का आनंद प्राप्त किया

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