काशी में जुटे देश भर के किन्नर, किया पिंडदान

अनुपम राज

वाराणसी। मोक्ष की नगरी काशी सभी के लिये मोक्षदायनी है. काशी में आज मातृ नवमी के अवसर पर पिशाच मोचन कुंड पर किन्नर पीठाधीश्वरों व महंतों ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विधि-विधान आए त्रिपिंडिक श्राद्ध और पिंडदान किया। वहीं श्राद्ध कर्म करने के लिए किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में लगभग 40 की संख्या में किन्नर महंत पीठाधीश्वर सज धज कर विशाल डमरू की थाप पर हर—हर महादेव का गगनभेदी उदघोष करते हुए पिशाचमोचन कुंड पूर्वांह में पहुंचे। जहां पहले से तैयार वेदी पर किन्नर समाज महंत पीठाधीश्वर बैठे। इसके बाद पिशाचमोचन घाट के कर्मकांडी मुन्ना पांडेय के नेतृत्व में 21 ब्राम्हणों ने किन्नर समाज के पितरों को तारने के लिए त्रिपिंडिक श्राद्ध,सामूहिक पिंडदान कराया।

इस दौरान महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने पत्रकारों को बताया कि काशी में दुसरी बार पितृ प़क्ष में पिशाचमोचन कुंड पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए देशभर के किन्नरों ने त्रिपिंडी श्राद्ध किया। महाभारत काल के बाद काशी में नई दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, नासिक, अखिल भारतीय किन्नर अखाड़ा उज्जैन, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश के पीठाधीश्वरों व महंतों ने पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए पिंडदान किया। किन्नर समाज द्वारा काशी में यह दूसरी बार पिंडदान किया गया। वहीं पिंडदान करते किन्नरों को देखने के लिए क्षेत्रीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। किन्नर समाज द्वारा काशी में यह दूसरी बार पिंडदान किया गया। वहीं पिंडदान करते किन्नरों को देखने के लिए क्षेत्रीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

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