अय्यामे अज़ा के आखिरी दिन चुप ताज़िया और अमारी जुलूस आज
तारिक खान
प्रयागराज जनपद में माहे मोहर्रम के चाँद के दीदार के साथ करबला के बहत्तर शहीदों की याद मे शुरु हुआ ग़म मनाने का सिलसिला (17नवम्बर 2018) शनिवार को रानी मण्डी से निकलने वाले चुप ताज़िये और दरियाबाद इमामबाड़ा से उठने वाले अमारी जुलूस के साथ थम जाएगा।अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के प्रवक्ता सै०मो०अस्करी के मुताबिक़ रानी मण्डी चकय्या नीम स्थित इमामबारगाह मिर्ज़ा नक़ी बेग से शनिवार को प्रातः 9 बजे बशीर हुसैन की सरपरसती व अन्जुमन हैदरया की क़यादत मे जुलूस चुप ताज़िया निकाला जाएगा।अलम और ज़ुलजनाह की शबीह के साथ मातमी दस्ते कोतवाली,नखास कोहना,खुलदाबाद,हिम्मतगंज से होते हुए चकिया करबला पर पहोंच कर माहे ग़म माहे अज़ा को रुखसत कह कर अलवेदा या हुसैन की सदा बुलन्द करेंगे।वहीं दरियाबाद स्थित इमामबाड़ा अरब अली खाँ से दिन मे 1बजे अय्यामे अज़ा के आखिरी दिन जुलूसे अमारी निकलेगा।जिसमे शहर की मातमी अन्जुमन शब्बीरीया,मज़लूमिया,ग़ुन्चा ए क़ासिमया,अब्बासिया,मुहाफीज़े अज़ा,हुसैनिया क़दीम,हाशिमया अपने अपने परचम के साथ जुलूस मे शामिल होगी।जुलूस अपने परम्परागत मार्गों से होते हुए दरियाबाद पीपल चौराहा,हज़रत अब्बास रोड,पठनवल्ली होते हुए देर रात को इमामबाड़ा अरब अली खाँ पर पहोंच कर सम्पन्न होगा।जहां अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के सदस्यों द्वारा क़दीमी नौहा *सद अलवेदा हुसैना वा हसरता हुसैना* की बुलन्द सदाओं के साथ या हुसैन अलवेदा कह कर अलम मुबारक के बोसा लेने के साथ नम आँखों से अन्तिम विदाई की रस्म अदा की जाएगी
*अंधेरा कर मोमबत्ती की रौशनी मे निकाला गया ताबूत इमाम हसन अस्करी*
ग्यारहवें इमाम हसन अस्करी की शहादत की पूर्व संध्या पर रानी मण्डी इमामबारगाह मिर्ज़ा नक़ी बेग से मोमबत्ती की रौशनी मे गुलाब व चमेली के फूलों से सजा कर ताबूत इमाम हसन अस्करी निकाला गया।आहो बूका की सदाओं के साथ ग़मगीन माहौल मे निकले ताबूत के आगे अनजुमन हैदरया के नौहाख्वानों ने ग़मगीन नौहा पढ़ा।नौहा और मातम का सिलसिला शुरु होने से पहले हसन जाफरी ने मर्रसिया व मौलाना रज़ी हैदर ने मजलिस को खिताब किया।वहीं दायरा शाह अजमल मे अज़ाखाना अली नक़ी मे हुई सालाना मजलिस को मौलाना जव्वाद हैदर जव्वादी ने खिताब करते हुए शहादत इमाम हसन अस्करी पर ग़मगीन मसाएब पढ़े।रज़ा इसमाईल सफवी ने मर्रसिया पढ़ी।अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया ने नौहा और मातम का नजराना पेश किया।।।।।।