कमेटी अली वारिस द्वारा शबबेदारी का हुआ आयोजन

रूपेंद्र भारती

मऊ जनपद के  घोसी नगर के बड़ा गांव शिया मोहल्ले में 25 सफर रविवार को 1 बजे दिन में अब्बासी बी बी सहन के पास कमेटी अलीवारिस द्वारा  शब्बेदारी का आयोजन किया गया।
यह शब्बेदारी जनाबे अली असगर की याद में मनाई गई।इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को खिताब करते हुवे मौलाना मोज़ाहिर हुसैन साहब ने बताया कि मजलिस ,शब्बेदारी ,जुलुस का असली मकसद देश को एकता और अखंडता का पैगाम देना है। उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने 14 सौ साल पहले कर्बला में जुल्म और जालिम के खिलाफ जंग कर मजलूम और इंसानियत की पहचान कराई। जहां इंसानियत जिंदा है, वहां कर्बला का पैगाम भी जिंदा है।
मौलाना ने यह भी बताया कि 10 मोहर्रम को जब ख्यामे हुसैनी में पानी न रहा बच्चे पानी पानी की आवाज़ बलन्द करने लगे तो इमामे हुसैन ने मौला अब्बास को पानी के लिए भेजा लेकिन यज़ीदी फौजियों को थोड़ा सा भी रहम नहीं आया मौला अब्बास को दरिया के किनारे बाज़ू काट कर शहीद कर दिया।मौलाना ने यह भी बताया कि कर्बला में इमामे हुसैन और उनके परिवार पर कोई ज़ुल्म नहीं छोड़ा गया।
।इन्ही की याद में इस शब्बेदारी को मनाया गया।इस शब्बेदारी की निज़ामत मौलाना शफ़क़त तक़ी साहब ने किया।इस शब्बेदारी में  घोसी की अंजुमनों व दूर दूर से आई अंजुमनों ने नोहा मातम किया और नोहे पढ़े”अब्बास तुम कहाँ हो ज़ैनब बुला रही है” जिसे सुन कर हर अजादार फुट फुट कर रोने लगे और नम आँखों से रसूल अल्लाह की बेटी फातिमा को उनके लाल का पुरसा दिया।यह शब्बेदारी लग भग 4 बजे नेशनल मांटेसरी के पास से अपने क़दीमी रास्ते बड़ा फाटक होते हुवे सदर इमाम बारगाह पर लग भग 5 बजे समाप्त हुई।इस अवसर पर जनाब डॉ शानू ,अरशद,इज़हारुल हसन, तफहिम, नोहाखान शमीम हैदर,इम्तेयाज़,मोहम्मद अली नासरी,असगर नासरी,वसीम,सहित शिया समुदाय के लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे ।

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