सीबीआई रिश्वत काण्ड – सीवीसी ने सौपी सुप्रीम कोर्ट को सील बंद लिफाफे में जाँच रिपोर्ट, सीवीसी से नाराज़ दिखी अदालत, होगी अगली सुनवाई 16 को
शाहरुख़ खान
नई दिल्ली : सत्ता और विपक्ष को जिस तारिख का इंतज़ार था वह आज आ ही गई। सीबीआई में रिश्वतखोरी को लेकर लगे आरोपों से संबंधित मामलों में आज सुप्रीम कोर्ट में दो रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई हैं। जिसमें पहली रिपोर्ट सीबीआई चीफ आलोक वर्मा पर की गई जांच को सीवीसी ने सौंपी है और दूसरी रिपोर्ट सीबीआई के कार्यकारी चीफ एम नागेश्वर राव द्वारा अफसरों के ट्रांसफर और लिए गए फैसलों की है जिसे सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने सौंपी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट इस दौरान सीवीसी से नाराज दिखा और कहा कि अगर रिपोर्ट दाखिल नहीं कर पा रहे थे तो कम से कम सूचना तो देनी चाहिए थी।
फिलहाल मामले की सुनवाई 16 नवंबर के लिए तय कर दी गई है। इसके साथ ही अदालत ने फिर साफ कहा है कि आदेश में निहित है कि इस दौरान सीबीआई में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लिया जाए और अगर आदेश का उल्लंघन किया गया तो हम देखेंगे। आपको बता दें कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। 26 अक्टूबर को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को दो हफ्ते में आलोक वर्मा पर लगे आरोपों की जांच पूरी कर सील कवर में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस एके पटनायक को जांच की निगरानी का जिम्मा सौंपा था। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए थे कि सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव कोई भी नीतिगत फैसले नहीं लेंगे। कोर्ट ने 23 अक्तूबर से 26 अक्तूबर तक जांच अफसरों के ट्रांसफर समेत तमाम फैसलों की सील कवर में सूची मांगी थी। साथ ही केंद्र, सीवीसी व राकेश अस्थाना समेत सभी को नोटिस जारी किया था।
सूत्रों के मुताबिक इस दौरान जांच में सीवीसी को आलोक वर्मा के खिलाफ पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है कि उन्होंने सना से दो करोड़ रुपये घूस ली थी। ये शिकायत राकेश अस्थाना ने अगस्त में सीवीसी से की थी। वर्मा ने सरकार के छुट्टी भेजे जाने के फैसले को चुनौती देने के साथ ही सीवीसी की सिफारिश, कार्मिक विभाग के आदेश और एम नागेश्वर राव को अतंरिम डायरेक्टर बनाने के फैसलों को रद्द करने की मांग की है। इसके अलावा सीबीआई के स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना और अन्य अफसरों के भ्रष्टाचार के मामलों की कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।
इसमें निदेशक आलोक वर्मा को हटाने और एम नागेश्वर राव की नियुक्ति को भी चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि रॉव पर भी भ्रष्टाचार के मामले हैं। ये याचिका ‘कॉमन कॉज’ ने दाखिल की है। याचिका में यह भी कहा गया है कि अस्थाना को सीबीआई से हटाया जाना चाहिए। अस्थाना के स्टर्लिंग/संदेसारा समूह से करीबी संबंध हैं, जिनकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। अब देखना होगा कि 16 तारिख को क्या केंद्र सरकार को फिर कोई झटका लगता है।