काशी में आयोजित होगी देश की पहली धर्म संसद 1008
तारिक आज़मी
वाराणसी। धर्म संसद 1008 का आयोजन काशी में होगा। यह देश की पहली धर्म संसद होगी, इसमें देश के हर लोकसभा सीट से एक एक सदस्य होगा जो अपने क्षेत्र में धर्म से सम्बंधित समस्याओ को इस संसद में उठायेगा। उक्त वक्तव्य काशी में धर्म संसद के माडल को पत्रकारों को दिखाते हुवे स्वामी अविमुक्तारेश्व्रानंद ने कहे। काशी में आयोजित होने वाली धर्म संसद की तैयारियों के क्रम में आज शनिवार को श्रीविद्या मठ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने धर्म संसद की जानकारी दी। धर्म संसद के आयोजन के क्रम में पूरी गतिविधियों का ब्योरा पेश करते हुए बताया कि 12 नवंबर से ही इस संदर्भ में आयोजनों का क्रम प्रारंभ हो जाएगा जो आगामी 27 नवंबर तक जारी रहेगा।
ज्योतिष एवं शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के आदेश-आशीर्वाद से गठित धर्म संसद-1008 की पहली बैठक के लिए 150 गुणित 150 वर्ग फीट में पंडाल बनाया जाएगा। इसका आकार तो संसद भवन की तरह ही होगा लेकिन इसे धर्म प्रतीकों से सज्जित किया जाएगा। इससे पूर्व 25 से 27 नवंबर तक होने जा रही धर्म संसद की पहली बैठक के लिए धन त्रयोदशी पर सोमवार को ही सुबह सीर गोवर्धन में रविदास मंदिर के समीप शंकराचार्य के शिष्य प्रतिनिधि व धर्म संसद संयोजक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के सानिध्य में इस निमित्त भूमि पूजन किया गया था। अब धर्म संसद की तैयारियों के बाद आयोजनों की श्रंखला प्रारंभ होगी जो माह के अंत तक चलेगी।
मोदी जी कुछ भी बोल सकते है कोई अतिश्योक्ति नही है
एक सवाल के जवाब में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मोदी जी जब से सत्ता में आये है अतिश्योक्ति ही ख़त्म हो गई है। वह मोदी जी है कुछ भी बोल सकते है। उसमे कोई अतिश्योक्ति नही होगी। वह तो ये भी कह सकते है कि वाराणसी में परियोजना शुरू करेगे तुरंत देश की सभी नदियों की गन्दगी दूर हो जाएगी।
राजनितिक प्रायोजित नही है धर्म संसद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह धर्म संसद राजनितिक प्रायोजित संसद नही है। इसमें देश के सभी लोकसभा सीट से एक एक सनातनी सदस्य होगा और वह अपने क्षेत्र की धर्म से सम्बंधित समस्याओ को बतायेगा। इसका किसी राजनीती से कोई सरोकार नहीं होगा।